Cg prime news exclusive : सरकारी कॉलेज में औचक निरीक्षण, यहां 12 सहायक प्राध्यापकों ने हाजिरी तो लगाई, लेकिन कब आए और कॉलेज से कब निकल गए पता नहीं, सभी को शोकॉज नोटिस जारी

भिलाई . उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को मिल रही सुविधाओं और गुणवत्ता शिक्षा का जायजा लेने औचक निरीक्षण का शेड्यूल तैयार कर लिया है। उच्च शिक्षा विभाग के आला अफसर कॉलेजों में पहुंचकर व्यवस्थाएं परख रहे हैं। दुर्ग संभाग के कॉलेजों में लगातार मिल रही अव्यवस्थाओं की दर्जनों शिकायत को ध्यान में रखते हुए सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. जीए घनश्याम और दुर्ग संभाग क्षेत्रीय अपर संचालक डॉ. राजेश पांडेय ने बालोद स्थित घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया।

नियम तो जैसे तोड़ने को ही बने

यहां पहुंचते ही कॉलेज के प्रोफेसरों की मनमानी जाहिर हो गई। शासकीय कॉलेजों की द्वितीय पाली शाम 5.30 बजे समाप्त होती है। विभागीय निर्देशों के तहत सभी स्टाफ को 5.30 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होता है, लेकिन इस कॉलेज के एक दो नहीं बल्कि 12 सहायक प्राध्यापक कॉलेज से नदारद मिले। हाजिरी का रजिस्टर देखने पर मालूम हुआ कि, इन्होंने अपना हाजिरी हस्ताक्षर तो कर दिया है, लेकिन कॉलेज अपनी मर्जी से आए और चले गए। शेष स्टाफ से बात सामने आई कि यहां सहायक प्राध्यापकों के आने-जाने का कोई टाइम-टेबल नहीं है।

सभी अपनी मनमर्जी करते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त संचालक और अपर संचालक ने इन 12 सहायक प्राध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि, यदि इन सहायक प्राध्यापकों का जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया तो एक दिन की वेतन कटौती के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी होगी।

सबसे ज्यादा दुर्ग के कॉलेज रडार में

संयुक्त संचालक और अपर संचालक ने बताया कि, दुर्ग जिले के सात कॉलेजों में ंअव्यवस्थाओं की काफी लंबे समय से शिकायत मिल रही है। इसको देखते हुए अब आने वाले कुछ दिनों में दुर्ग जिले कॉलेजों में भी लगातार औचक निरीक्षण होने है। निरीक्षण के दौरान शिकायतें सही पाए जाने पर दोषियों की रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी। इधर, बालोद में औचक निरीक्षण के बाद दुर्ग के कॉलेज हड़कंप मोड में आ गए। दिनभर 12 प्रोफेसरों को एक साथ शोकॉज नोटिस का मामला छाए रहा। बता दें कि, इससे पहले भी पूर्व अपर संचालक डॉ. एससी तिवारी ने कई कॉलेजों में दबीश दी थी, जिसके बाद हालात थोड़े सुधरे थे। उनके औचक निरीक्षण में खुर्सीपार महाविद्यालय में ढेरों खामियां मिली थी। कॉलेज के कार्यालय और कक्षाओं में ताले लटके मिले थे। जिसके बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की गई थी।

…तो होगी सख्त कार्रवाई

उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि कॉलेजों के प्राचार्य, प्राध्यापक और सभी कर्मचारी सुबह 10.30 बजे तक कॉलेज पहुंचेंगे। शाम को 5.30 ही छुट्टी होगी। देरी से आने व बिना सूचना गैर हाजिर रहने पर एक दिन का अवकाश माना जाएगा। इसके अलावा शोकॉज नोटिस भी जारी होंगे। प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी। प्रथम पाली के तहत कॉलेज का अमला ७.३० अनिवार्य रूप से कॉलेज पहुंचना होगा। न्यूनतम सात घंटे की कार्य अवधी सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा द्वितीय पाली में कॉलेज दोपहर 1…30 से 5.30 बजे तक संचालित होगा।

बायोमैट्रिक करनी होगी अनिवार्य

संभाग के अधिकतर कॉलेजों में अभी भी हाजिरी रजिस्टर पर ही हो रही है, जिससे मनमानी बढ़ गई है। कॉलेज जानबूझकर बायोमैट्रिक पर हाजिरी लगाने से बचते हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि अब से हाजिरी बायोमैट्रिक डिवाइस से ही होगी। कॉलेजों को इसकी व्यवस्था करनी होगी। पहले कॉलेज के खेल अधिकारी को हाजिरी के मामले में विशेष छूट दी गई थी, जिसे अब विभाग ने निरस्त कर दिया है। इनको भी प्राचार्य सहित तमाम कर्मचारियों की तरह समय पर हाजिरी लगाने को कहा गया है। खेल के लिए कहीं जाने पर इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा, वर्ना गैरहाजिरी लगेगी।

बिना अनुमति कैसे पहुंच रहे संचालनालय

विभाग की जांच में सामने आया है कि कॉलेज के अधिकारी व कर्मचारी बिना अनुमति के ही उच्च शिक्षा संचालनालय आ जाते हैं। जबकि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई और कामकाज पूरी तरह से ठप हो जाता है। विभाग ने इनके लिए स्पष्ट कह दिया है कि प्राचार्य कि अनुमति के बिना संचालनालय में पाए जाने पर उक्त अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्क कार्रवाई होगी।

कॉलेजों में स्टाफ की मनमानी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हमने बालोद कॉलेज में औचक निरीक्षण किया तो सच्चाई जाहिर हो गई। सहायक प्राध्यापकों को शोकॉज नोटिस दिया गया है। जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। इस तरह की अव्यवस्थाओं से विद्यार्थियों के साथ कॉलेज के कामकाज तक सबकुछ प्रभावित होता है। हाल ही में संभागायुक्त और कलेक्टर ने भी कॉलेजों का निरीक्षण किया है। औचक निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे। कॉलेज के प्राध्यापकों और स्टाफ को चाहिए कि वे अपना दायित्व पूरी निष्ठा ने निभाएं।
डॉ. राजेश पांडेय, क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा दुर्ग