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भिलाई . संभाग के कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। नई शिक्षा नीति के तहत हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी वैकल्पिक विषयों की पढ़ाई के विकल्प दिए गए हैं। हालांकि यह वह कोर्स हैं जो कॉलेजों में मौजूद है, लेकिन जो कोर्स कॉलेजों में नहीं पढ़ाए जा रहे उन्हें अब विद्यार्थी भारत सरकार के स्वयं पोर्टल से भी कर सकेंगे।कॉलेजों की पढ़ाई के अलावा ऑफर किए जाने वाले यह कोर्स एडवांस होंगे जिन्हें करने वाले विद्यार्थियों को  इसका क्रेडिट भी मिलेगा।

छात्रों को कैसे फायदा

विद्यार्थी इसकी परीक्षा देकर विश्वविद्यालय को मिले अंक साझा करेंगे जिसे विश्वविद्यालय उनके क्रेडिट में जोड़ देगा। स्वयं पोर्टल से पंजीकृत विद्यार्थियों को फायदा ये होगा कि वे भी कोर्स स्वयं से करेंगे, उसकी परीक्षा भी स्वयं पोर्टल के माध्यम से ही ऑनलाइन या ऑफलाइन होगी। हर साल तीन अतिरिक्त विषय चुनकर पढ़ाई करने का विकल्प विद्यार्थियों को मिलेगा।

सरकारी कॉलेजों को छात्रों की इंटर्नशिप

बीटेक और अन्य तकनीकी कोर्स की तर्ज पर अब हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी इंटर्नशिप करेंगे। तीन साल की यूजी को पूरा करने से पहले उन्हें अपनी इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों को भी कंपनी, एनजीओ सहित कई क्षेत्रों का प्रैक्टिकल अनुभव दिलाने के लिए कोशिश की गई है। शुरुआती चरण में विद्यार्थियों को स्किल डवलपमेंट और आंत्रप्रेन्योरशिप से जुडऩे का भी मौका मिलेगा।
                                     
       

भिलाई . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ABVP दुर्ग के कार्यकर्ताओं द्वारा मिशन साहसी (आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर) कराया गया। एबीवीपी पदाधिकारियों ने बताया कि, विद्यालय और महाविद्यालय एवं छात्रावासों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का सामूहिक प्रदर्शन दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में किया गया। प्रदेश सहमंत्री राशि त्रिवेदी ने कहा की महिलाएं हमारे समाज का नींव है। महिलाओं ने हर क्षेत्र में देश को हमारे समाज को गौरवांवित किया है चाहे वह महारानी लक्ष्मीबाई हो, रानी चेन्नमा हो कल्पना चावला हो या देवी अहिल्या बाईं होलकर हो। आज के समय में यही हमारे आदर्श होने चाहिए।

साहसी शब्द से हमारा पुराना नाता।

आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना विद्यार्थी परिषद का कोई कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संकल्प है जिसके तहत पिछले 6 वर्षों में परिषद ने 14 लाख से अधिक छात्राओं को ‘मिशन साहसी बनाया है। डॉ मानसी गुलाटी ने कहा कि अभाविप के मिशन साहसी में साहसी शब्द नया नहीं है। हो सकता है कि मिशन नया हो, मगर साहसी शब्द से हमारा पुराना नाता है। सैकड़ों छात्राओं ने इस प्रशिक्षण ने भाग लिया।

इन्होंने कराया प्रशिक्षण

इसमें प्रशिक्षक राम कुमार पांडेय, भरत साहू, लक्ष्मी तिवारी एवं विद्यार्थी परिषद के दुर्ग विभाग से सयोंजक पलाश घोष, जिला सायोंजक प्रवीण यादव, दुष्यंत साहू, गजानद साहू, पायल राजपूत, भूमि राजपूत, जितेंद्र मोरयनी, भावना वर्मा, वैभव सिंह, पूनम, दीपेश, निखिल आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
                                       

भिलाई . New rules for school education प्रदेश में कक्षा 8वीं तक सभी बच्चों को पास करने का नियम अब बदल  दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कहा है कि अब से कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों की नियमित परीक्षाएं ली जाएंगी। ऐसे में यदि बच्चा वार्षिक परीक्षा में फेल जाता है तो उसे सीधे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे एक अतिरिक्त मौका देते हुए दो महीने के भीतर दोबारा से परीक्षा कराई जाएगी।

सबसे खास बात यह है कि अब स्कूल 5वीं और 8वीं कक्षा  के इन बच्चों को उसी क्लास में रोक सकेंगे। अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत पहले तक सभी बच्चे, चाहे वे फेल क्यों न हो उन्हें 8वीं तक पास दिया जात अब फेल होने वाले ऐसे बच्चों को दोबारा से उसी कक्षा में पढऩा होगा। यह व्यवस्था स्कूल के जरिए पूरी होगी। स्कूल शिक्षा संचालनालय ने आदेश में कहा है कि, जब तब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें स्कूल से निष्काशित नहीं किया जा सकेगा।

इस साल से बोर्ड परीक्षा की तैयारी

कक्षा 8वीं तक के बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। यही कारण है कि मंत्री परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक  कक्षाओं के विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने इसी सत्र से निजी और शासकीय स्कूलों के बच्चों की केंद्रीयकृत परीक्षा (एक तरह से बोर्ड परीक्षा) कराई जाएगी।

कक्षा 5वीं व 8वीं केंद्रीयकृत परीक्षा छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम से संचालित सभी स्कूलों में होंगी। परीक्षाएं जिला स्तर पर ली जाएंगी। जिला शिक्षा विभाग परीक्षा कराएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को परीक्षा या अन्य कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।

New rules for school education मार्च में होगी पहली परीक्षा

कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा मार्च में कराई जाएगी। समय-सारिणी लोक शिक्षण संचालनालय जारी करेगा। परीक्षा के प्रश्नपत्र बोर्ड एग्जाम की तरह गोपनीय तरीके से तैयार होंगे। प्रश्नपत्र तैयार करने जिला स्तर पर समिति बनेगी। जिस तरह से बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों को स्कूल से नजदीकी थानों में रखा जाता है, ठीक वैसे ही केंद्रीयकृत परीक्षा के प्रश्नपत्र भी थानों में रखे जाएंगे, जिन्हें परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पहले निकाला जाएगा और स्कूलों में वितरित करेंगे।

परीक्षा के पहले स्कूलों को प्रश्नपत्र का नमूना दिया जाएगा, ताकि शिक्षक इसके अनुसार बच्चों को तैयारी करा सकें। इस परीक्षा का पूरा सेटअप बोर्ड की तरह होंगे, अन्य स्कूलों से केंद्राध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। परीक्षा संपन्न होने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए  अगल से केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र बनाए जाएंगे। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कक्षा ५वीं और ८वीं पढ़ाने वाले शिक्षक करेंगे।

होम सेंटर का सिस्टम हुआ खत्म

बदले हुए नियम के बाद अब चौथीं और सातवीं की उतर पुस्तिकाएं उस स्कूल में नहीं जांची जाएंगी जहां बच्चे पढ़ते हैं, बल्कि इन उत्तरपुस्तिकाओं को दूसरे स्कूलों को भेजा जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थिति के आधार पर आगामी शैक्षणिक education सत्र में केंद्रीयकृत परीक्षा की तैयारी सत्र शुरू होने से पहले ही कराई जा सके।

कक्षा 5वीं और 8वीं में अनुत्तीर्ण होने वाले किसी भी बच्चे की पूरक परीक्षा भी ली जाएगी। पूरक आने वाले बच्चों को उस कक्षा में रोका नहीं जा सकेगा बल्कि उन्हें अगली परीक्षा में कक्षोन्नत कर सकेंगे। केंद्रीयकृत परीक्षा के लिए बच्चों की तैयारी के लिए संकुल समन्वयक और स्कूलों के प्राचार्य जल्द बैठक करेंगे।

हर विषय में बेहद कमजोर जिले के बच्चे

हाल ही में जिला कलेक्टर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई, प्राथमिक शाला डूमरडीह, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डूमरडीह एवं स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेलूद का निरीक्षण करने पहुंची थीं। यहां स्कूलों की सभी कक्षाओं का अवलोकन किया गया। यहां कई सारे बच्चे पूरी गिनती तक ठीक तरह से समझा नहीं पाए।

कलेक्टर ने बच्चों से ब्लेक बोर्ड में वन (एक) की स्पेलिंग लिखने को कहा। जिस पर बहुत सारे बच्चों द्वारा गलत स्पेलिंग लिखे जाने पर उपस्थित शिक्षक को अंग्रेजी स्पेलिंग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा था।

आठवीं क्लास के बच्चों को अंग्रेजी का एक पैराग्राफ पढऩे को कहा गया। ब्लेक बोर्ड पर ’छत्तीसगढ़’ को हिन्दी और अंग्रेजी में लिखने कहा। अधिकांश बच्चों को ’छत्तीसगढ़’ को अंग्रेजी में लिखने में दिक्कत आई। इसी प्रकार सातवीं के बच्चों को संस्कृत पाठ्यक्रम का कोई नॉलेज नहीं देखा गया।

कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा कराने के निर्देश मिले हैं। यह व्यवस्था बोर्ड की तरह होंगी। थानों में पेपर रखें जाएंगे। अब ८वीं तक के बच्चों के फेल होने पर सीधे कक्षोन्नत नहीं होंगे, फेल हो सकेंगे। दोबारा परीक्षा देनी होगी।
अरविंद मिश्रा, डीईओ, दुर्ग

sashakt app

CG Prime News@रायपुर. पुलिस मुख्यालय, नया रायपुर स्थित साइबर भवन के उद्घाटन समारोह में बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (cm vishnu dev sai) ने सशक्त एप (sashakt app) का शुभारंभ किया। इस एप को आईजी दुर्ग (Durg IG) रेंज राम गोपाल गर्ग के विशेष प्रयास से विकसित किया गया है। जिसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को चोरी हुए वाहनों का डेटा एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना है। अब छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक जिले में पुलिस जवान इस एप का उपयोग कर चोरी हुए वाहनों की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम में गृहमंत्री विजय शर्मा, विधायक आरंग गुरु सुखवंत साहेब, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगवा, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।

Play store से कर सकते हैं डाउनलोड
सशक्त एप पुलिस चेकिंग के दौरान चोरी हुए वाहनों की पहचान को सरल और तेज बनाएगा। जिससे बरामदगी की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी। सशक्त एप पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है। इसे प्ले स्टोर पर ‘सशक्त एप नाम से डाउनलोड किया जा सकता है।

IG ने त्रिनयन एप में भी निभाई थी अहम भूमिका
इसके पूर्व त्रिनयन एप (trinayan app) भी आईजी दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के विशेष प्रयास से विकसित किया गया था। जिसमें CCटीवी कैमरों का डेटा बेस उपलब्ध कराया गया था। अब सशक्त एप पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को वाहन का इंजन नंबर, चेचिस नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज कर यह जांचने की सुविधा देगा कि वाहन चोरी का है या नहीं। एप में डेटा प्रविष्टि की जिम्मेदारी संबंधित जिले की डीसीआरबी शाखा द्वारा निभाई जाएगी। जिससे डेटा का नियमित अद्यतन सुनिश्चित होगा।

Bhilai Corporation Commissioner inspected Swami Atmanand School

CG Prime News@भिलाई. नगर निगम भिलाई के आयुक्त (Bhilai municipal Corporation Commissioner ) राजीव कुमार पाण्डेय बुधवार को स्वामी आत्मानंद स्कूल (Swami Atmanand School) खम्हरिया के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। यहां बच्चों की क्लास में पहुंचकर वे उन्हें पढ़ाने लग गए। इसी बीच आयुक्त ने किताब उठाकर बच्चों से पूछा कि राजिम किस जिले में है। इस पर बच्चों ने अलग-अलग जवाब दिया। जिसे सुनकर आयुक्त हंसने लग गए। बाद में उन्होंने बच्चों को समझाते हुए कहा कि जैसे हम दुर्ग जिले में रहते हैं वैसे ही राजिम गरियाबंद जिले में है। आयुक्त ने लगभग आधे घंटे तक स्कूली बच्चों की क्लास ली। कई बच्चों को इंग्लिश में पढऩे के लिए लेसन भी दिया।

क्लास के अनुसार सवाल पूछा
निगम आयुक्त स्कूल का पूरी तरफह से निरीक्षण करने के बाद बच्चों के क्लास रूम में गये। वहां टीचर्स से भी बातचीत की। आयुक्त पाण्डेय ने विद्यार्थियो की किताब को हाथ में लेकर कुछ सवाल किये, उनसे प्रश्न करने लगे और बच्चे बड़े ही जोश भरे आवाज से जवाब दे रहे थे। बच्चों से उनके क्लास के अनुसार सवाल कर रहे थे, जैसे राष्ट्रगान कितने सेकंड में पढऩा चाहिए।

टीचर्स से बोले पैरेंट्स को समझाने
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री का क्या नाम है। बांग्लादेश कौन से दिशा में है। बच्चों से गणित एवं अंग्रेजी के प्रश्न भी पूछे क्लास में रीडिंग कराते हुए कविता पूछे। यह भी सवाल था कि कौन-कौन बच्चे घर से सुबह खाना खाकर नहीं आते हैं। कुछ बच्चों ने हाथ खड़ा किया उपस्थित शिक्षिका से उनके पेरेंट्स को समझने को कहा की बच्चों को सुबह नाश्ता कराके ही स्कूल भेजा करें ।

बच्चों को खेल खिलाया
आयुक्त ने बच्चों से कहा किसी भी प्रकार का प्रश्न को अपने मन में रहने नहीं देना चाहिए। बेजिझक अपने क्लास टीचर्स से पूछना चाहिए। प्रश्न करने से ही उसका जवाब मिलता है। दूसरे छात्र को भी पता चलता है। अंत में टीचर्स को भी समझाये बच्चों की पढ़ाई में पूरा सहयोग करें, किसी प्रकार की समस्या हो तो उसका शीध्र निराकरण किया जाए। अंत में बच्चों को क्लास में मनोरंजन के लिए शिक्षाप्रद खेल भी खिलवाए।

सुविधाओं की ली जानकारी
आयुक्त ने स्कूल में विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं को बारीकी से देखा। विद्यार्थियो को किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं हो रही है। साथ ही स्कूल में बैठने के टेबल, कुर्सी, पीने का पानी, शौचालय, लाईट, पंखा का भी निरीक्षण किया। जिससे स्कूल में पढऩे वाले बच्चों, पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को किसी प्रकारी की परेशानी ना हो।

भिलाई . साइंस कॉलेज science cillege दुर्ग में सीखने-सिखाने की नई परंपरा का आगाज हो गया है। निजी और शासकीय उपक्रमों में उच्च पदों पर खुद को स्थापित कर चुके कॉलेज के भूतपूर्व छात्र (एलुमनी) कॉलेज के नए विद्यार्थियों की कक्षाएं ले रहे हैं। कॉलेज में इसके लिए गेस्ट लेक्चरर की व्यवस्था बनाई गई है। इस परंपरा की शुरुआत कॉलेज के भूगर्भशास्त्र विभाग से की गई है, जहां भूगर्भशास्त्र के विभिन्न विषयों की जानकारी नए विद्यार्थियों को दी जा रही है।

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यह एलुमनी खदानों, कारखानों, स्मेल्टर, इस्पात संयंत्रों आदि में उपयोग की जाने वाली लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि, यह कोई एक दिन का व्याख्यान नहीं है, बल्कि इसे लगातार किया जा रहा है। वैसे तो साइंस कॉलेज गेस्ट लेक्चरार को कक्षाओं के लिए भुगतान करता है, लेकिन कॉलेज के यह एलुमनी बिना किसी मानदेय और यात्रा भत्ता लिए विभिन्न शहरों से आकर कक्षाएं ले रहे हैं।

जानिए कौन हैं ये एलुमनी

भूगर्भशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि इन एलुमनी में डॉ. बेनीधर देशमुख इग्नू दिल्ली में पदस्थ हैं। वहीं अमित सोनी जीएस आई के डायरेक्टर हैं। भुवनेश्वर कुमार और हिमांशु निगम एमईसीएल भूवैज्ञानिक हैं। डॉ. अभिषेक देवांगन भूवैज्ञानिक सीएमडीसी के पद पर कार्यरत हैं। ओंकार साहू जेपी सीमेंट में हैं। हेमंत धनकर, श्वेता एनएमडीसी में कार्यरत हैं। डॉ. चंचल सिंह, गुडग़ांव, डॉ. स्वपना गुप्ता, जगदलपुर, मनदीप सिंह, जियोलॉजी माइनिंग में कार्यरत हैं। इनकी ही तरह उच्च पदों पर मौजूद धर्मेष साहू, कोमल वर्मा, डॉ. विकास स्वर्णकार, सृष्टि शर्मा, आदित्य मानकर भी सीखने की इस परंपरा का हिस्सा हैं।

साइंस कॉलेज क्यों कर रहा जतन

साइंस कॉलेज दुर्ग के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि, इस कोशिश का फायदा विद्यार्थियों को नई टेक्नोलॉजी से जुडक़र होगा। इस समय इंडस्ट्री, माइनिंग सेक्टर में विभिन्न बदलाव हो रहे हैं। जिसके बारे में विद्यार्थियों को जानना बेहद जरूर है। उन्हें इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए यह एलुमनियों की शुरू की गई यह परंपरा उन्हें नई समझ से रूबरू कराएगी। भूगर्भशास्त्र के क्षेत्र में आ रही नई टेक्नोलॉजी के बारे में समझने का मौका मिलेगा। धीरे-धीरे साइंस कॉलेज इस परंपरा से सभी विषयों को जोड़ेगा। इस समय सैकड़ों की तादाद में कॉलेज के ऐसे एलुमनी हैं जो विभिन्न सेक्टर्स की हाई पोस्ट पर काम कर रहे हैं। कॉलेज अपने एलुमनी से संपर्क करने में लगा हुआ है। जल्द ही शेष विषय भी इसमें शामिल होंगे।

समझा रहे नए रास्ते और विकल्प

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए विद्यार्थियों के पास अवसरों की भरमार हैं। ऐसे में जिस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं, उसके अलावा भी उन्हें विभिन्न विषयों की समझ दी जा रही है। इसी कड़ी में एलुमनी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। वे ग्रेजुएशन के बाद  खुलने वाले रास्ते नए विद्यार्थियों को समझा रहे हैं। माइनिंग से लेकर सीमेंट संयंत्र  और जियोलॉजिकल सेक्टर जैसे दर्जनों विकल्प साझा कर रहे हैं। इनमें नौकरियों ेके लिए जरूरी स्किल्प और तैयारी की जानकारी भी नए विद्यार्थियों को दी जा रही है।

भूगर्भषास्त्र विभाग में विभिन्न केन्द्र एवं राज्य सरकार के प्रतिश्ठानों में उच्च पदों पर आसीन एलुमनी महाविद्यालय आकर यूजी और पीजी के विद्यार्थियों को विषयों की नई जानकारी गेस्ट लेक्चर के जरिए दे रहे हैं। वे दूसरे शहरों और राज्यों से कॉलेज पहुंचकर कक्षाएं लेते हैं। इसके लिए यात्रा भत्ता या पारिश्रमिक भी नहीं लेते।
डॉ. श्रीनिवास डी. देषमुख, साइंस कॉलेज दुर्ग

Durg university

भिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय durg university ने पीजी प्रथम, तीतृय और पांचवा सेमेस्टर  परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल को दो दिनों के लिए दोबारा से खोल दिया है। हालांकि अब आवेदन करने के लिए विलंब शुल्क के तौर पर 500 रुपए चुकाने होंगे। दरअसल, बहुत से विद्यार्थियों ने तय समय तक अपने आवेदन जमा नहीं किए। इसके बाद वे लगातार विश्वविद्यालय पहुंचकर दोबारा आवेदन जमा करने का आग्रह कर रहे थे।

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एटीकेटी विद्यार्थी भी शामिल होंगे

इसके बाद हेमचंद विश्वविद्यालय durg university ने  दो दिनों के लिए फिर से पोर्टल खोलने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि, परीक्षार्थी अब 4 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद उसकी हार्डकॉपी 5 दिसंबर तक कॉलेजों में  जमा करनी होगी। इसके बाद ६ दिसंबर तक कॉलेज आवेदन को प्रोसेस करके विवि में जमा करेंगे। हेमचंद विश्वविद्यालय ने कहा है कि इसमें एलएलबी, एलएलएम के एटीकेटी विद्यार्थी भी शामिल होंगे। इसके अलावा नियमित विद्यार्थी जिन्होंने अभी तक आवेदन जमा नहीं किया है, उनकी पूरी जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी।

गलती होने पर देने होंगे 120 रुपए

विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर एवं एटीकेटी सेमेस्टर परीक्षा का ऑनलाइन आवेदन करने 25 नवंबर तक मियाद दी थी। कई विद्यार्थियों ने अपने ऑनलाइन आवेदन की हार्डकॉपी कॉलेजों में जमा नहीं की है। दुर्ग विवि ने इसके लिए विद्यार्थियों को २९ नवंबर तक आखिरी समय दिया था। इस परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्रों की सूची की है। बीएड के प्रथम सेमेस्टर को छोडक़र परीक्षार्थियों के नामांकन फार्म भी पूरी तरह से जमा नहीं हो पाए हैं। आवेदन फार्म में कोई भी गलती हो गई है तो अभी भी इसे १२० रुपए का शुल्क देकर विवि जाकर सुधारा जा सकता है।

सेमेस्टर परीक्षा के लिए दो दिन और पोर्टल खोला जा रहा है। ऐसे छात्र जो तय समय तक आवेदन नहीं कर पाए थे वे 500 रुपए विलंब शुल्क देकर आवेदन कर सकेंगे।
भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद विश्वविद्यालय
                                      

भिलाई . आईआईटी भिलाई विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षण कार्य में लगातार आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में भौतिकी विभाग में चल रहा एक प्रमुख प्रोजेक्ट खगोल विज्ञान के ब्रह्माण्ड में हाइड्रोजन के विखंडन पर केंद्रित है। यह प्रोजेक्ट डॉ. महावीर शर्मा के नेतृत्व में संचालित हो रहा है। जिसे भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने रिसर्च को आगे बढ़ाने फंभी दिया है। इस शोध समूह के आकाश गंगा निर्माण और हाइड्रोजन विखंडन पर शोध परिणाम पर नजर रखी जा रही है।

पीएम श्री योजना के तहत

इस शोध में ब्रह्मांड के अंधकारमय अवस्था से सितारों से भरी चमकदार अवस्था में परिवर्तन को समझाया जा रहा है। सोमवार को आईआईटी भिलाई ने विज्ञान में प्रशिक्षण के उद्देश्य से केंद्रीय विद्यालय डोंगरगढ़ के 90 छात्रों और उनके शिक्षकों की मेजबानी करते हुए उन्हें सितारों से जोड़ा। इस दौरे को भारत सरकार की पीएम श्री योजना के तहत कराया गया। ब्रह्मांडीय विखंडन प्रोजेक्ट के एसोसिएट नचिकेत जोशी और अन्य पीएचडी छात्रों ने स्कूली बच्चों के लिए इंटरएक्टिव और प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए। इस सत्र में खगोल भौतिकी और सूर्य उत्सर्जन जैसे उन्नत विषयों पर चर्चा की गई।

आकाश गंगा के रहस्य समझाए

स्कूली बच्चों के लिए खगोलीय पिंडों का अवलोकन करने के लिए एक टेलीस्कोप सत्र भी आयोजित किया गया, जिसने छात्रों को बेहद रोमांचित किया। उन्हें आसमान से ऊपर चांद सितारों की दुनिया दिखाई गई। स्कूली बच्चों की यात्रा का समापन भौतिकी विभाग की प्रयोगशालाओं और टेलीस्कोप पर व्यावहारिक अनुभव के साथ हुआ। छात्रों ने इस कार्यक्रम को बेहद लाभकारी और प्रेरणादायक बताया। निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश के नेतृत्व में आईआईटी भी इस दौरान मौजूद रहे।
                 

भिलाई . CGPSC Topper आज संघर्ष से सफलता तक पहुंचने वाले उस रियल हीरो से मिलिए जिसने  साबित कर दिखाया है कि रिजेक्शन मात्र एक शब्द है, जिसे सलेक्शन में बदला जा सकता है। यह कहानी दुर्ग जिले के नगपुरा गांव के उत्तम कुमार महोबिया की है। यह वही युवा है, जिसमें सीजी पीएससी की हाल ही में आई सलेक्शन लिस्ट में दसवां स्थान हासिल किया है। CGPSC Topper बचपन में ही उत्तम के सिर से पिता का साय उठ गया। तब मां सीता महोबिया ने अकेले उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी उठाई।

CGPSC Topper नगपुरा के ही सरकारी स्कूल से पढऩे वाला उत्तम कभी भी कक्षा में सेकंड नहीं आया। हर साल प्रथम स्थान हासिल करता रहा। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में बारहवी में 94.6 प्रतिशत अंक आए। उस समय के बोर्ड टॉपर्स को प्रोत्साहित करने आईजी पुलिस प्रदीप गुप्ता ने उन्हें सिविल सिविसेज की तैयारी करने को कहा। समझाया कि कैसे शासकीय सेवक बनकर समाज को नई दिशा दी जा सकती है। CGPSC Topper आईजी की यह बातें उत्तम के दिल में घर कर गई और ठान लिया कि एक दिन अफसर जरूर बनेंगे। आइए जानते हैं कैसे सफलता में बदला संघर्ष…।

तीन बार नहीं हो पाया सलेक्शन

उत्तम ने बताया कि, सीजी पीएससी हो या कोई भी अन्य एग्जाम। सफलता का श्रेय सभी को जाता है। CGPSC Topper अकसर, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागी यही सोचते हैं कि यदि इस बार सफल नहीं हो पाया तो लोग क्या कहेंगे। परिवार पर बोझ बढ़ेगा। दोस्त और रिश्तेदार ताने मारेंगे। CGPSC Topper असल में ऐसा होता भी है, मगर  यदि परिवार, दोस्त और रिश्तेदार आपकी कैपेसिटी को जानते हैं और उन्हें आप पर भरोसा है तो यह सभी बातें बेमानी हो जाती है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। मेरा यह सलेक्शन चौथे प्रयास में हुआ है। सबसे पहले प्रयास में सिर्फ प्री-क्लीयर हुआ।

इससे परिवार को उम्मीद हो गई कि मैं आगे बढ़ सकता हूं। दोस्तों ने भी मुझ पर भरोसा जाताया। अगले प्रयास में मंै मेंस में फिर फंस गया।CGPSC Topper  तीसरे प्रयास में इंटरव्यू  तक पहुंचा मगर, सलेक्शन नहीं हो पाया। इतनी बार रिजेक्शन के बाद भी परिवार और दोस्तों ने मुझे कहा कि, अगली बार तुम बड़े अफसर बनोगे। नतीजा, आपके सामने है, मैंने चौथी बार में इंटरव्यू क्लीयर करके टॉप-१० में जगह बना ली।

इंटरव्यू का सवाल गुस्सा दिलाने वाला था

उत्तम बताते हैं कि, इंटरव्यू की शुरुआत में ही पैनल ने मुझे आजमाने का निर्णय लिया। मुझसे सवाल पूछा गया कि, तुम तीन अटेंप्ट में भी सलेक्शन नहीं हो पाए। पांच साल की तैयारी में तो बढिय़ा पोस्ट मिल जानी चाहिए थी। CGPSC Topper  स्वभाविक तौर पर कोई भी सामान्य व्यक्ति इस सवाल से परेशान हो जाता, लेकिन मैंने सूझबूझ का तरीका निकाला और पैनल को बीते पांच साल में किए संघर्ष और तैयारी की बातें इनमिनान से बताई।

इस सवाल के बाद पूरा इंटरव्यू बिल्कुल स्मूद हो गया। पैनल ने इसके बाद मुझने मेरे बायोडेटा के संबंधित सवाल ही पूछे। सीजी पीएससी और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को सफलता का सूत्र समझाते हुए उत्तम बताते हैं कि, पीएससी प्री का पैटर्न अब बिल्कुल बदल चुका है। अब पहले से अधिक स्टैंडर्ड के सवाल पूछे जाते हैं। CGPSC Topper इन सवालों को हल करने मिलने वाला मात्र एक मिनट आपकी पूरी जिंदगी को बदल सकता है। ऐसे में नियमित तैयारी सबसे जरूरी है। कम से कम दिन में 8 से 12 घंटे की पढ़ाई जरूरी होती है।

रूंगटा आर-1 ने माफ कर दी थी पूरी फीस

साल 2015 से 2019 तक रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल ब्रांच में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उत्तम ने सिविल सर्विसेज का रास्ता चुन लिया। हमेशा से ही होनहार रहे उत्तम की काबिलियत को परखते हुए रूंगटा आर-१ गु्रप ने इन्हें प्रोत्साहित करते हुए इंजीनियरिंग के चार साल की पूरी फीस माफ कर दी। CGPSC Topper रूंगटा आर-१ ग्रुप की कोशिश की बदौलत उत्तम की मां पर बेटे की पढ़ाई को लेकर आर्थिक बोझ नहीं पड़ा। नगपुरा से भिलाई कोहका आने-जाने में लगने वाला खर्च उत्तम से शासकीय स्कॉलरशिप से निकाला। यही नहीं, परिवार की मदद करने खेतों में काम भी किया। मन में सरकारी नौकरी का ख्वाब बैठा चुके उत्तम को नौकरियों के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने सिर्फ सपनों को सच करने का रास्ता ही चुना।

अब मिलेगी कौन सी पोस्ट

इस साल सीजीपीएससी में डिप्टी कलेक्टर की मात्र सात पोस्ट थी। ऐसे में उत्तम को मिली दसवीं रैंक से उन्हें सहायक संचालक अनूसूचित जाति कल्याण विभाग  का पद मिलना तय हो गया है। CGPSC Topper उत्तम कहते हैं कि, करंट अफेयर्स की तैयारी का सबसे अच्छा माध्यम अखबार है। इसके बाद ही आपको डिजिटल की ओर जाना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के दौरान ऐसे लोगों से घिरे रहिए जो पॉजीटिव सोचते हैं जो आप पर भरोसा जताए। क्योंकि, एक बार में नहीं होगा लेकिन एक दिन जरूर होगा

दुर्ग/भिलाई . हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत इस साल से शुरू होने जा रही सेमेस्टर परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन 30 नवंबर से 15 दिसंबर तक भरे जाएंगे। प्राइवेट विद्यार्थी भी इसका आवेदन करेंगे। इसमें बीए, बीएससी, बीकॉम, गृह विज्ञान, बीबीए और बीसीए प्रथम सेमेस्टर सेमेस्टर के नियमित और प्राइवेट दोनों ही विद्यार्थी शामिल होंगे। ऐसे विद्यार्थी जो तय समय तक अपना ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं करेंगे उनको 16 से 18 दिसंबर तक एक मौका और दिया जाएगा, लेकिन यह आवेदन करने उन्हें विलंब शुल्क के तौर पर सौ रुपए का भुगतान भी करना होगा।

इसके बाद नियमित और प्राइवेट दोनों ही विद्यार्थियों को 29 दिसंबर तक ऑनलाइन भरे गए आवेदन की हार्डकॉपी कॉलेजों में जमा करनी होगी। हेमचंद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह पहली परीक्षा है। जिसमें नियमित और प्राइवेट दोनों ही विद्यार्थी साल में दो बार सेमेस्टर पद्धिती से परीक्षाएं देंगे। यह सेमेस्टर परीक्षा जनवरी के दूसरे हफ्ते से शुरू होगी।

ऐसे जमा किए जाएंगे ऑनलाइन फार्म

ऑनलाइन आवेदन करने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाना होगा। नियमित विद्यार्थी नामांकन आवेदन करने के दौरान उपयोग की गई यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर परीक्षा का आवेदन करेंगे। वहीं प्राइवेट से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन के समय यूज हुई यूजर आईडी पासवर्ड का उपयोग कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

बिना रसीद नहीं दें राशि

विश्वविद्यालय ने साफ कह दिया है कि, कॉलेज विद्यार्थियों के फार्म फॉवर्ड फीस के ३० रुपए के अलावा किसी अन्य मद में शुल्क नहीं ले सकेंगे। यदि कॉलेज किसी अन्य मद में शुल्क लेते हैं तो उन्हें उस शुल्क की रसीद विद्यार्थियों को देना अनिवार्य होगा। बिना रसीद किसी भी मद की राशि या शुल्क प्रतिबंधित रहेगा।

इस तरह है विषयवार परीक्षा शुल्क

परीक्षा – नियमित शुल्क – प्राइवेट
बीए, बीकॉम – 1100 – 1810
बीएससी, गृह – 1100 – 1810
बीसीए – 1810 – —
बीबीए – 1330 – —

परीक्षा शुल्क के अलावा क्या लगेगा?

अप्रवासन शुल्क – 360 रुपए
उपनाम परिवर्तन शुल्क – 180 रुपए (केवल महिलाएं)
संकाय परिवर्तन शुल्क – 120 रुपए
प्रश्नपत्र परिवर्तन शुल्क – 120 रुपए
(जिनको जरूरत सिर्फ वही चुकाएंगे)

एनईपी के तहत इस साल से वार्षिक परीक्षा के बजाए सेमेस्टर परीक्षा कराई जानी है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन ३० नवंबर से शुरू हो जाएंगे। इसमें नियमित विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राइवेट छात्र भी शामिल होंगे। तय समय में आवेदन फार्म जमा करना होगा।
भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय
                                    

भिलाई . आईआईटी भिलाई की पहचान अब देश के साथ-साथ विदेश में भी बनना शुरू हो गई है। दक्षिण एशिया के देश म्यानमार के दो छात्रों ने आईआईटी भिलाई के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लिया है। यह दोनों छात्र फिजिक्स में पीएचडी की पढ़ाई पूरी करेंगे। इन इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ने नामी निजी यूनिवर्सिटी और नजदीकी देशों के कॉलेजों को छोडक़र विशेष तौर पर आईआईटी भिलाई के पीएचडी प्रोग्राम को चुना।

आईआईटी भिलाई ने स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इंटरनेशनल स्टूडेेंट्स को एडमिशन दिया। यही नहीं आईआईटी ने नए स्टूडेंट्स को एमटेक और पीएचडी कोर्स के लिए आवेदन विंडो शुरू कर दी है। इन दोनों स्टूडेंट्स का चयन  विभिन्न लेवल की परीक्षाओं और इंटरव्यू के आधार पर किया गया।  आईआईटी ने इनके लिए कोर्स क्राइटेरिया तय कर दिया है जिसमें उनको एमटेक, एमएससी और पीएचडी प्रोग्राम ऑफर किया जा रहा है।

दस विषयों में पीएचडी की सुविधा

आईआईटी भिलाई 10 एमटेक प्रोग्राम में दाखिले देता है। इसके लिए आवेदक को आईआईटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदक का बीटेक प्रोग्राम में 60 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। केटेगरी छात्रों के लिए यह प्रतिशत 55 है। इनमें प्रवेश गेट स्कोर के जरिए दिया जाएगा। नए सेशन के आवेदन के लिए फार्म अभी लाइव है।

इनमें कर सकेंगे एमटेक

– बायोइंजीनियरिंग

– कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग

– डाटा साइंस एंड एआई

– इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

– इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन

– इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी

– मटेरियल साइंस

– मैकेनिकल इंजीनियरिंग

– मैकेट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग

आईआईटी भिलाई में फॉरेन स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए विशेष व्यवस्थाएं होती है। कई देशों के छात्र यूजी, पीजी और पीएचडी के लिए विदेशी छात्र रुचि दिखा रहे हैं।
डॉ. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई

भिलाई . Smart india hackathonn केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन ग्रैंड फिनाले की जिम्मेदारी इस साल रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज को दी गई है। इसके लिए मिनिस्ट्री ने रूंगटा आर-१ ग्रुप को नोडल सेंटर भी बनाया है। नेशनल लेवल हैकथॉन का यह गै्रंड फिनाले 11 और 12 दिसंबर को होगा जिसमें विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों की 25 टीमें हिस्सा लेंगी। यह टीमें 36 घंटे नॉनस्टाप कंप्यूटर कोडिंग करके ऐसे सॉफ्टवेयर तैयार करेंगी जो समाज के हित में रहेंगे।
इस साल एजुकेशन मिनिस्ट्री ने इन टीमों को पांच प्रॉब्लम स्टेटमेंट दिए है।

राजधानी दिल्ली होगा प्रॉब्लम स्टेटमेंट

यह सभी टीमें देश की राजधानी दिल्ली के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बने प्रदूषण को लेकर सॉफ्टवेयर बेस्ड सॉल्यूशन देंगी। संतोष रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के डायरेक्टर सोनल रूंगटा ने बताया कि, इस समय दिल्ली में प्रदूषण का एक्यूआई शीर्ष पायदान पर पहुंच चुका है। हवा में प्रदूषण के नैनो पार्टिकल्स घुल गए हैं जो बड़े स्तर पर लोगों को बीमार कर सकते हैं। इसके लिए हैकाथॉन में शामिल होने वाली टीमें दिल्ली में प्रदूषण की एक्यूआई वैल्यू को मोबाइल से कैप्चर करने का समाधान देगी। इसके अलावा दिल्ली में रियल टाइम ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए भी टूल्स डिजाइन किए जाएंगे।

रुंगटा ग्रुप को बड़ी जिम्मेदारी

राजधानी दिल्ली के अलावा देशभर में अतिक्रमण दूसरी सबसे बड़ी समस्या है। इसका समाधान ऑटोमेशन के जरिए देने के टीमों को रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए हल निकालना होगा। दिल्ली में हो रही पानी की किल्लत को दूर करने के लिए भी यह टीमें सॉफ्टवेयर तैयार करेगी जिससे रियल टाइम ग्राउंड वॉटर बॉडी और स्टोरेज वॉटर का सर्वे किया जा सकेगा। इसके अलावा यह टीमें बायोटेक और हेल्थ टेक पर भी सॉफ्टवेयर टूल डेवलप करेगी। यह सभी पांचों प्रॉब्लम स्टेटमेंट इन विद्यार्थियों को केंद्र सरकार ने दी है। सॉफ्टवेयर के जरिए इन समस्याओं को सुलझाने वाली टीमोंं को एक लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इस हैकाथॉन के लिए रूंगटा ग्रुप ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।