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रायपुर। छत्तीसगढ़ के पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पहली बार 210 डॉक्टरों की संविदा भर्ती के लिए वॉक-इन इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है। यह इंटरव्यू 20 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से होगा।

कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर भर्ती पहली बार हो रही है, और पर्याप्त उम्मीदवार मिलने पर समय कम पड़ सकता है। इसीलिए केवल एक दिन के लिए यह प्रक्रिया आयोजित की गई है। आमतौर पर, 100 से कम पदों के लिए वॉक-इन इंटरव्यू होता था।

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इन पदों पर होगी भर्ती

नेहरू मेडिकल कॉलेज में हर माह वॉक इन होता है ताकि खाली पदों को भरा जा सके। पहली बार कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग के लिए 12 असिस्टेंट प्रोफेसर, परयूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट के 3-3 पदों पर भी भर्ती की जाएगी। सीटीवीएस के असिस्टेंट प्रोफेसरों में क्रिटिकल केयर के 3, मेडिसिन के 2, पीडियाट्रिक के 3, एनीस्थीसिया के 2 व कार्डियक एनीस्थीसिया के दो पदों पर भर्ती की जाएगी।

इतना होगा वेतन

वहीं 3 सीनियर रेसीडेंट की भर्ती भी की जाएगी। दूसरे विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 56, सीनियर रेसीडेंट के 106 पदों पर भर्ती की जाएगी। सभी भर्ती संविदा पर की जाएगी। कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसरों को 95 हजार, एसोसिएट को 1.55 लाख व प्रोफेसरों को हर माह 1.90 लाख वेतन दिया जा रहा है। निजी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों की तुलना में ये कम है। यही तर्क देकर ज्यादातर डॉक्टर ज्वाइन करने से बच रहे हैं।

दुर्ग। माध्यमिक शिक्षा मंडल school ने रायपुर के 3 और प्रदेश कुल 9 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। मंडल ने इसकी सूची जारी कर दी है। जिसमें बताया है कि मापदंड का पालन नहीं करने वाले स्कूलों को मान्यता नहीं दी है। इनमें दुर्ग और कवर्धा के 2-2, महासमुंद और कोरिया के 1-1 स्कूल के नाम शामिल है। मंडल की सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि 184 में से 175 स्कूलों को मान्यता दी गई है।

जानिए क्या है नियम और मापदंड

माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से जारी मापदंड के अनुसार स्कूल की भूमि, भवन, संकाय, छात्रों की दर्ज संख्या अनुसार बैठक व्यवस्था होनी चाहिए। School इसके अलावा पेयजल व्यवस्था, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, प्रसाधन और शैक्षणिक स्टाफ होनी चाहिए। अन्य सुविधाओं में फर्नीचर, विद्युत, वित्तीय व्यवस्था, विद्यार्थियों की सुरक्षा आदि मापदंड होनी चाहिए।

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इन स्कूलों की गई मान्यता

इन मापदंड का पालन नहीं करने पर 9 स्कूलों को मान्यता नहीं दी गई। इनमें रायपुर के 3 स्कूल है। इनमें ब्लेसिंग उमावि सड्डू, शांति निकेतन पब्लिक उमावि बोरिया कला और वीर छत्रपति शिवाजी प्रोफ़ेसर कॉलोनी। दुर्ग के दीक्षा पब्लिक हाईस्कूल कृष्णा नगर सुपेला, इंडियन पब्लिक स्कूल नंदनी रोड जामुल। कवर्धा के लिटिल फ्लावर हाई स्कूल सैगोना, लक्ष्य पब्लिक स्कूल हाईस्कूल रैतापारा। महासमुंद के आइडियल कॉन्वेंट हाईस्कूल घोड़ारी बिरकोना और कोरिया के कोरिया ज्ञान गंगा हाईस्कूल शिवपुर चरचा।

भिलाई . R-1 SIH देश को विकसित भारत का तमगा दिलाने में यंग माइंड्स का रोल सबसे अहम रहेगा। हमारे इनोवेशन आइडिया की बदौतल हम दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाएंगे। कुल मिलाकर विश्व में हम ही पायनियर और हम ही फस्र्ट होंगे। यह बातें गुरुवार को रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे दो दिवसीय स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के समापन सत्र के मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने कहीं। SIH उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि, मौजूदा दौर की शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों को भरपूर आजादी से पढऩे, सीखने और कुछ बनने का विकल्प देती है। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खूबी का फायदा उठाते हुए तकनीकी छात्रों को वन इनोवेशन वन स्टार्टअप की तर्ज पर आगे बढऩा चाहिए।

बताई नई शिक्षा नीति की खूबी

नई शिक्षा नीति छात्रों को मल्टीपल एंटी और एग्जिट का विकल्प देती है। इसका मतलब यह है कि आप अभी अपने इनोवेशन को अभी स्टार्टअप में बदल लीजिए। इस पर शुरू काम कीजिए। पढ़ते हुए ही कमाई का जरिया बनाइए। डायरेक्टर ने स्टार्टअप को प्रमोट करने सरकार से लेकर शैक्षणिक संस्थानों की नीति भी छात्रों को समझाई। कहा कि, आइडिया दमदार हुआ तो सरकार ही नहीं बल्कि आईआईटी भिलाई भी आपके स्टार्टअप को बिजनेस की शक्ल तक पहुंचाने में मदद करेगा। फंड देगा। एक्सपर्ट सपोर्ट भी उपलब्ध कराएगा।

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25 टीमों ने की 36 घंटे नॉनस्टाप कोडिंग

रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यह हैकाथॉन कराया, जिसमें देश के 12 राज्यों की 25 टीमों ने भाग लिया। इस हैकाथॉन के लिए इन टीमों को देश के विभिन्न मंत्रालयों की समस्याएं बताई गई थी, जिसका तकनीकी विद्यार्थियों को सॉफ्टवेयर के जरिए समाधान देना था। इसके लिए टीम को कॉलेज में सभी जरूरी सुविधाएं दी गईं, जिससे छात्रों ने ३६ घंटे नॉन स्टाप कंप्यूटर कोडिंग के जरिए एक से बढक़र समाधान पेश किए। इनमें से पांच टीमों को प्रथम और द्वितीय पुरस्कार दिया गया। प्रथम पुरस्कार विजेता टीमों को एक लाख रुपए का चेक दिया गया। कार्यक्रम में रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर सोनल रूंगटा, डीजी एकेडमिक्स डॉ. मनीष मनोरिया, डायरेक्टर डॉ. मनोज वर्गीस, डॉ. एडविन एंथोनी, डॉ. एजाजुद्दीन मौजूद रहे।

कितना प्रदूषण बताएगा वायु दृष्टि

शहर के कौन से इलाके में कितना प्रदूषण है। वहां की हवा की गुणवत्ता  का स्तर क्या है। एयर क्वालिटी इंटेक्स यानी एक्यूआई में ओजोन, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड मानक से अधिक तो नहीं? यह सबकुछ अब इंजीनियरिंग छात्रों का बनाया सॉफ्टवेयर हार्डवेयर टूल वायु दृष्टि बताएगा। रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले में छात्रों ने अपनी इस टेक्नोलॉजी का डेमो दिया।

टूल  को प्रदर्शित करते हुए बताया कि, भिलाई हो या फिर दिल्ली सभी जगहों पर प्रदूषण की मात्रा लेने एक्यूआई मीटर लगाए जाते हैं, जिससे सिर्फ उसी क्षेत्र के प्रदूषण के बारे में जानकारी मिलती है। इंजीनियरिंग छात्रों का बनाया वायु दृष्टि टूल पूरे शहर के हर एक-एक कोने के प्रदूषण का हाल बता सकता है। इंजीनियरिंग छात्रों ने इसे शहरों में चलने वाली सिटी बसों के ऊपर इंस्टॉल करने के लिए तैयार किया है। यह टीम भी विजेता बनी।

पोर्टबल एक्यूआई मशीन की तैयार

छात्रों ने इस टूल को पोर्टबल बनाया है, जिसे सिर्फ पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर फिट करने से वह पूरे शहर के एक्यूआई की डेली रिपोर्ट अपडेट करता रहेगा। बस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट जिस भी रूट में जाएंगे, यह टूल उस रूट के एक्यूआई की रियल टाइम स्थिति अपनी वेबसाइट और ऐप पर अपलोड कर देगा। उस शहर में रहने वालों के साथ-साथ पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को भी हर बार एक्यूआई बढ़ते ही पॉपअप मैसेज मोबाइल पर दिखने लगेंगे।

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक और फार्मेसी के करीब दो हजार डिटेन ईयर बैक विद्यार्थियों को बड़ी राहत दे दी है। सीएसवीटीयू ने एक साल की अवधी के लिए एन-4 नियम शिथिल कर दिया है। बीटेक, डिप्लोमा और फार्मेसी के ऐसे विद्यार्थी जिनके पुराने सेमेस्टर क्लीयर नहीं थे, जिसके कारण उन्हें एन-4 नियम से पूर्व कक्षाओं में वापस भेजा गया था, उनको अपने बचे हुए बैकलॉग क्लीयर कर 5वें और 7वें सेमेस्टर्स की परीक्षा देने का अंतिम मौका दिया गया है। यह विद्यार्थी रेगुलर बैकलॉग परीक्षाओं में शामिल होकर अपने पुराने पेपर्स को क्लीयर कर सकेंगे। इस उनके एक साल की बर्बादी नहीं होगी।

उन्हें जूनियर विद्यार्थियों की कक्षाओं में बैठक पुरानी परीक्षा की तैयारी नहीं करनी होगी। हाल ही में सीएसवीटीयू में हुई कार्यपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों का एन-4 शिथिलता का मौका नवंबर-दिसंबर सेमेस्टर परीक्षा में मिलेगा। यानी इन विद्यार्थियों के पास मात्र एक मौका होगा, जिसमें उन्हें नए ५वें और सातवें सेमेस्टर की परीक्षा दिलाने  मिलेगी वहीं पुराने बैक भी साथ-साथ क्लीयर कर पाएंगे।

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शर्तों के तहत मिली अनुमति

सीएसवीटीयू ने एन-४ को शिथिल करने से पहले इसके करीब दो हजार विद्यार्थियों के सामने शर्ते रखी हैं। सीएसवीटीयू ने कहा है कि, इस परीक्षा में शामिल होने का यह आखिरी अवसर होगा। इसका उपयोग कर लेने के बाद विद्यार्थी कभी दोबारा से नए अवसर की मांग नहीं कर पाएंगे, साथ ही किसी न्यायिक प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। यह अवसर सिर्फ नवंबर-दिसंबर परीक्षा तक सीमित रहेगा, पुर्नवित्ती भी नहीं होगी। आर्हता शर्तों के अनुसार बैकलॉक परीक्षा पास कर लेने की स्थिति में हायर सेमेस्टर के अस्थाई रूप से प्रमोट कए गए विद्यार्थी का परिणाम घोषित कर सकेंगे। इसके बाद भी यदि बैकलॉग क्लीयर नहीं होता है तो उन्हें डिटेन किया जाएगा।

सीएसवीटीयू ने इसलिए लागू की थी एन-4

सीएसवीटीयू में एन-४ नियम को लेकर काफी असमंजस रहे हैं। पूर्व केबिनेट मंत्री  प्रेमप्रकाश पांडेय ने एन-४ की पैरवी करते हुए कहा था कि सीएसवीटीयू खराब इंजीनियर बनाने के बजाए कुछ ही काबिल इंजीनियर बनाए तो ज्यादा बेहतर होगा। इसके बाद कार्यपरिषद की बैठक में सीएसवीटीयू ने एन-४ को लागू कर दिया था। वही नियम आज भी जारी है। डिटेन विद्यार्थियों की संख्या में लगातार इजाफा होने से  सीएसवीटीयू ने इस साल महज एक बार के लिए एन-४ को शिथिल किया है।

जानिए… क्या है एन-4 नियम

एन-4 नियम के तहत पांचवे सेमेस्टर में जाने के लिए इंजीनियरिंग छात्र का प्रथम सेमेस्टर ऑल क्लीयर होना चाहिए। एक भी पेपर में बैक होने पर उसे डिटेन यानि एक साल पीछे किया जाता है। ऐसा ही छठवें सेमेस्टर में भी होगा। मतलब.. जब तक दूसरे सेमेस्टर के सभी पेपर पास नहीं होंगे छठवें में प्रवेश नहीं मिलेगा। छात्र को अपने जूनियर के साथ दोबारा से पढ़ाई करनी होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस नियम से छात्र आगे के दो साल खूब मेहनत करके पढ़ते हैं, ताकि तीसरे साल में प्रवेश मिले। छात्रों का परीक्षा परिणाम भी बेहतर होता है।

दोबारा किया गया लागू

तकनीकी विश्वविद्यालय में एन-४ नियम साल २००५ से २०११ तक अपनाया गया। नियमों को लचीला करने के लिए २०११ में संसोधन किया गया, जिसके तहत फस्र्ट सेमेस्टर में कम से कम तीन पेपर में पास होना होता था। शेष पेपर में बैक आने पर भी आगे बढऩे की अनुमति मिलती थी। पहले तक छात्रों को डिटेन नहीं किया जाता था। उन्हें किसी न किसी तरह से धक्का लगाकर आगे के सेमेस्टर में भेज ही दिया जाता है। इस तरह छात्रों के पांचवें सेमेस्टर पहुंचते तक बैकलॉग के कई पेपर इक_ा हो जाते थे। सीएसवीटीयू ने इंजीनियरिंग की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए २०१५ में एन-४ को दोबारा से लागू कर दिया था। एन-४ के नियम से ही अब भी परीक्षाएं कराई जाती हैं।

एन-4 नियम को एक अंतिम अवसर देते हुए शिथिल किया गया है। डिटेन छात्रों के पास हायर सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने का यह आखिरी अवसर है। इसके बाद भी बैकलॉग क्लीयर नहीं हुए तो डिटेन बरकरार रहेगा।
प्रो. अंकित अरोरा, प्रभारी कुलसचिव, सीएसवीटीयू

दुर्ग . बीआईटी दुर्ग में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के हार्डवेयर संस्करण का आयोजन हो रहा है। इस राष्ट्रीय स्तर की नवाचार प्रतियोगिता में देश भर से 100 छात्र एवं 55 छात्राएं सामान्य दैनिक जीवन एवं उद्योगों की समस्याओं के समाधान पर कार्य कर रही हैं। बीआईटी दुर्ग को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हार्डवेयर एडिशन दिया है। बीआईटी दुर्ग के प्राचार्य डॉ. अरुण अरोरा ने बताया कि आईआईटी मुंबई के विद्यार्थी इलेक्ट्रिक वाहन के चार्जिंग के लिए ऐसा सिस्टम विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे चलते हुए गतिशील वाहन को बिना रोके चार्ज किया जा सके। इस नवाचार से समय एवं ऊर्जा की खपत कम हो जाएगी।

रियल टाइम बस मॉनीटरिंग सिस्टम

वेलम्मल इंजीनियरिंग कॉलेज चेन्नई से आए नवाचारी ऐसा वाहन बना रहे हैं जो दिव्यांगजनों के लिए आसानी से संचालित होगा। इस वाहन को विभिन्न लिंकज से जोडक़र तैयार किया जा रहा है। शहरी यातायात में सिटी बस की लाइव लोकेशन को मॉनिटर करने का सिस्टम राजकोट, गुजरात से आए विद्यार्थी विकसित कर रहे हैं। वर्तमान की ट्रैफिक की समस्या से रूबरू होते हुए कोयंबटूर से छात्र सोलेनॉइड संचालित इंजन के अनुसंधान में कार्य कर रहे हैं। प्रयोग निश्चित रूप से कम प्रदूषणकारी एवं पर्यावरण संवेदनशील ट्रैफिक व्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

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सीवरेज ट्रीटमेंट में हो रहा प्रयोग

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्लज का समाधान एक बड़ी चुनौती है। इसका उपचार करने के लिए स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी के अंतर्गत रामैया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के विद्यार्थी एक बंद संरचना विकसित कर रहे हैं। यह संरचना गैस सेंसरों के माध्यम से एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त होगी, जो न केवल मानव जोखिमों को कम करेगी बल्कि उच्च गुणवत्ता का जैविक खाद भी उत्पादित कर सकेगी। स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के माध्यम से विद्यार्थी न केवल अपने नवाचार को आकार दे रहे हैं, बल्कि इस मंच के जरिए उच्च गुणवत्ता का कौशल भी अर्जित कर रहे हैं।

भिलाई . CSVTU दुर्ग बीआईटी और शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज ने ऑटोनोमस छोड़ दिया है। इस साल जो नए एडमिशन हुए हैं, उनकी परीक्षाएं छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU पुराने सिस्टम से कराएगा। लेकिन बड़ा अपडेट ये है कि पूर्व में जिन विद्यार्थियों ने शंकराचार्य और बीआईटी में ऑटोनोमस कोर्स से एडमिशन लिया था, उनकी परीक्षाएं भी अब सीएसवीटीयू की जिम्मेदारी होगी। यह परीक्षाएं 26 दिसंबर से शुरू होगी। इसके लिए दोनों ही संस्थाओं ने अपने विद्यार्थियों का डाटा विवि को सौंप दिया है।

CSVTU इस तरह है परीक्षाओं का शेड्यूल

इन दिनों सोशल मीडिया और विद्यार्थियों के ग्रुप में सामान्य परीक्षा और ऑटोनोमस परीक्षा की समय-सारिणी को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। असल में सामान्य बीटेक कोर्स की परीक्षाएं 19 दिसंबर से शुरू होनी है, लेकिन छात्र बहुत से विद्यार्थियों को लगा कि यह परीक्षाएं 26 से शुरू होंगी। इसको लेकर सीएसवीटीयू  ने शनिवार को निर्देश जारी किए। इसमें कहा है कि परीक्षा की समय-सारिणी के बारे में सभी जानकारियां सीएसवीटीयू की वेबसाइट पर दी जाएंगी। सातवें सेमेस्टर परीक्षा 19 दिसंबर से ही कराई जा रही हैं।

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ऐसे में विद्यार्थी समय-सारिणी को लेकर कन्फ्यूज नहीं हों। विवि प्रशासन ने यह भी कहा है कि सीएसवीटीयू वेबसाइट के अलावा किसी अन्य माध्यम से मिलने वाली परीक्षा संबंधी जानकारी भ्रामक हैं, सत्य नहीं है। ऐसे में दोनों ही परीक्षाएं अलग-अलग समय पर होंगी। इसमें डेट क्लैश सरीखी कोई भी बात नहीं है।

तीन साल में खत्म होगा पूर्ण ऑटोनोमस

शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज और बीआईटी दुर्ग ने पिछले साल ऑटोनोमस संस्था का दर्जा छोड़ दिया था। इसके बाद इसमें से दुर्ग बीआईटी ने अपनी परीक्षाएं दोबारा से सीएसवीटीयू से कराते हुए संबद्ध विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू में वापस लौटने निर्णय लिया, जबकि शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज ने इस कॉलेज को नए शैक्षणिक सत्र से अपनी निजी विश्वविद्यालय का अंग बना लिया।

बहरहाल, जिन विद्यार्थियों ने दोनों ऑटोनोमस संस्थानों में प्रवेश ले लिया था, अब उनको पुराने ऑटोनोमस पैटर्न द्वारा ही परीक्षाओं में शामिल किया जाएगा। बीआईटी दुर्ग और शंकराचार्य इंजीनियरिंग की ऑटोनोमस बैच २०२७ में आखिरी होगा। इस साल बीआईटी दुर्ग में जिन विद्यार्थियों के प्रवेश हुए हैं, वे सभी फ्रेश नामांकन है, जिनकी पढ़ाई, कोर्स और परीक्षाएं सबकुछ सीएसवीटीयू कराएगा।

सातवें सेमेस्टर परीक्षा की समय-सारिणी में कोई कन्फ्यूजन नहीं है। बीआईटी दुर्ग की परीक्षाएं २६ से शुरू होंगी, जबकि अन्य कॉलेजों की परीक्षाएं १९ से। विवि ने वेबसाइट पर पूर्ण जानकारी अपलोड कर दी है।
प्रो. अंकित अरोरा, प्रभारी कुलसचिव, सीएसवीटीयू

police president colour award

CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ पुलिस को देश का सर्वोच्च पुलिस सम्मान राष्ट्रपति पुलिस कलर अवार्ड (police president colour award)15 दिसंबर को गृहमंत्री अमित शाह (Union home minister amit shah) प्रदान करेंगे। रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। दुर्ग SP जितेंद्र शुक्ला इस अवार्ड समारोह में परेड कमांडर होंगे। छत्तीसगढ़ पुलिस (CG Police) को अपनी सत्यनिष्ठा, मानवीय गरिमा और पिछले 24 वर्षों के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड के लिए देश के सर्वोच्च पुलिस सम्मान राष्ट्रपति पुलिस कलर अवार्ड प्रदान किया जा रहा है।

इसलिए दिया जाता है सम्मान
भारत के सशस्त्र बलों और पुलिल संगठनों को उनकी विशिष्ट सेवाओं और अनुकरणीय कत्र्तव्यनिष्ठा के लिए यह अवार्ड प्रदान किए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। राष्ट्रपति निशान प्रेसीडेंट कलर अवार्ड के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस को चुना गया है।

सीजी पुलिस सबसे युवा बलों में से एक
छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान उसकी स्थापना के केवल 24 वर्षों के भीतर प्राप्त हुआ है। जो इसे यह गौरव पाने वाले सबसे युवा पुलिस बलों में से एक बनाता है। साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद इस पुलिस बल का गठन किया गया है। इतने कम समय में उन्होंने नक्सलवाद जैसी जटिल चुनौतियों से निपटते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ पुलिस के अद्वितीय समर्पण और प्रभावशाली कार्य प्रणाली का प्रमाण है।

इन पुलिस बलों को मिला है राष्ट्रपति निशान
अब तक देश में यूपी पुलिस, दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, तमिलनाडु पुलिस, ओडिशा पुलिस, त्रिपुरा पुलिस, गुजरात पुलिस, हिमाचल पुलिस, असम पुलिस, हरियाणा पुलिस, मुुम्बई पुलिस और छत्तीसगढ़ को पुलिस को यह सममान दिया गया है।

cold wave in cg

CG Prime News@दुर्ग. उत्तर भारत के पहाड़ों में बर्फबारी (snowfall) के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी कड़ाके की ठंड (Cold in chhattisgarh) पडऩे लगी है। दुर्ग जिले में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक पहुंच गया। लोग ठंड से बचने अलाव और आग का सहारा ले रहे हैं। इधर दो दिन यानी आज (शनिवार) और कल (रविवार) को प्रदेश के 8 जिलों गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, मुंगेली, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और दुर्ग जिले में शीतलहर (cold wave in cg) चलने की संभावना है। मैनपाट के बाद अब जशपुर के बगीचा इलाके में भी ओस की बूंदें जम गई हैं।

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शुक्रवार को प्रदेश में सबसे ठंडा बलरामपुर जिला रहा। यहां न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री पहुंच गया है। वहीं मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा दुर्ग रहा। यहां रात का पारा 9.02 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से करीब 5 डिग्री कम है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वहीं शीतलहर के चलते लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखने का अलर्ट जारी किया गया है।

विजिबिलिटी हुई कम
राजनांदगांव जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सुबह 7 बजे तक घना कोहरा छाया रहा। कम विजिबिलिटी के कारण सड़क पर राहगीरों को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को यहां न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं अधिकतम तापमान 27 डिग्री पर बना हुआ है।

दिन में भी शीतलहर जैसे हालात
प्रदेश के उत्तरी हिस्से में लगातार ठंडी हवा का आगमन हो रहा है। रात ही नहीं यहां दिन में भी शीतलहर के हालात बन गए हैं। पूरे इलाके में न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब चार डिग्री तक नीचे चला गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 15 दिसंबर तक ड्राई हवा आने का सिलसिला बना रहेगा। इससे तापमान में गिरावट आएगी। सरगुजा संभाग के सामरी और मैनपाट में तापमान सबसे कम है। पेंड्रारोड में अधिकतम तापमान 22.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जो सामान्य से 3.0 डिग्री कम है।

रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग कॉलेज के स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने किया वर्चुअल उद्घाटन, पीएम मोदी भी कार्यक्रम का हिस्सा बने…

भिलाई . सरकारी जमीन पर कब्जा हो या फिर तय सीमा से अधिक भवन निर्माण, अब एक इंच भी जगह बढ़ाकर कंस्ट्रक्शन कराया तो नगर निगम को जानकारी तुरंत पहुंच जाएगी। यह शिकायत पहुंचाने वाला कोई व्यक्ति नहीं होगा, बल्कि नए जमाने की एआई टेक्नोलॉजी इसमें मददगार होगी। रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के पहले दिन बुधवार को टेक्नोक्रेट्स ने खास टेक्नोलॉजी का डेमो दिया, जो टीयर-3 सिटी भिलाई के साथ-साथ देश के महानगरों तक के इंफ्रास्ट्रक्चर की डिजिटल कुंडली तैयार कर सकती है।

नगर निगमों और महानगर पालिका के सिटी इंफ्रा डाटा को एनालाइज करते हुए यह सिस्टम बता सकता है कि, जिसे व्यक्ति या फर्म को भवन निर्माण के लिए किस अनुमात में अनुमति दी गई थी और निर्माण के बाद उसने तय सीमा में कंस्ट्रक्शन कराया है या फिर अतिक्रमण किया। यह सिस्टम ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। जिसमें ड्रोन शहर की डिजिटल मैपिंग करने के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए निगमों द्वारा दी गई अनुमतियों का मिलान करता है साथ ही अनुमति के अतिरिक्त एक इंच भी अधिक होने या अतिक्रमण होने पर यह तुरंत सूचना भेजता है।

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सेटेलाइट इमेजिंग के जरिए करेगा काम

यह पूरा सिस्टम सेटेलाइट इमेजिंग के जरिए काम करता है। कहीं हुए निर्माण कार्य को डिटेक्ट करने के बाद ड्रोन को सेटेलाइट के साथ शेड्यूल किया जाता है। इसके जरिए यह पता लगाना आसान हो जाता है कि शहर में कहां-कहां पर रीसेंट निर्माण कार्य कराया गया है। इसके बाद ड्रोन को सर्वे के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें पहले से फीड डाटा और अनुमति का मिलान करने के बाद यह कंस्ट्रक्शन एरिया में छेड़छाड़ पाया जाता है तो यह उस प्रॉपटी को ब्लैक लिस्ट कर जानकारी निगमों तक पहुंचा सकता है।

मसलन, यदि किसी को दो माले के भवन की अनुमति दी गई थी, लेकिन यदि तीसरा माला बनाया तो इसकी जानकारी तुरंत निगम प्रशासन के पास होगी और उस प्रॉपटी के मालिक के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी।

केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने किया उद्घाटन

रूंगटा आर-१ में हो रहे इस नेशनल लेवल हैकाथॉन का उद्घाटन बुधवार को केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने वर्चुअल तरीके से किया। इस दौरान उन्होंने सभी टीमों से उनके इनोवेशन पर बातचीत की। कहा कि, हैकथॉन सिर्फ तकनीक और इनोवेशन को जोडऩे का माध्यम नहीं है, बल्कि यह युवाओं को स्टार्टअप से जोडऩे का मौका भी देगा। छात्रों को ऐसे इनोवेशन करने को कहा जिससे समाज को नई दिशा में मिल सके। यह हैकाथॉन देशभर के चुनिंदा ५१ केंद्रों में हो रहा है। जिसमें भिलाई का रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग कॉलेज भी एक है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का यह 7 वां एडिशन है, जिसमें एसआईएच 54 मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, पीएसयू और उद्योगों द्वारा 250 से अधिक प्रॉब्लम स्टेटमेंट दिए गए हैं।

पीएम मोदी ने दी युवाओं को बड़ी सीख

इस कार्यक्रम में मौजूद टीमों से वर्चुअल संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीमों को बड़ी सीख दी। उन्होंने कहा कि, मौजूदा दौर में साइबर क्राइम बड़ी चुनौती है। ठगी करने वाले काफी इनोवेटिव हैं। ऐसे में हमारे टेक्नोक्रेट्स को उनसे आगे की सोच रखनी होगी। अभी हम टेक्नोलॉजी के जरिए उनकी ठगी का तोड़ निकालते हैं लेकिन वे अगले कुछ घंटों में ही उस ट्रीक को समझकर अपना पैटर्न बदल देते हैं। ऐसे में उनके इस जाल से निपटने का एक ही रास्ता है, खुद को अपडेट रखना। टेक्नोक्रेट्स ऐसे टूल्स डेवलप करें जो कुछ घंटों में ही उनकी मूवमेंट को समझकर एक्शन प्लान तैयार कर लें ताकि देश को साइबर अपराधियों के जाल से सुरक्षित रखा जा सके।

आज होगा सभी टीमों का मूल्यांकन

इस स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का समापन गुरुवार को होगा। हैकाथॉन में आई सभी २५ टीमों का मूल्यांकन करने के लिए देश की नामी सॉफ्टवेयर कंपनियों के बेहद अनुभवी डेवलपर्स भिलाई पहुंचे हुए हैं। इस हैकाथॉन में रूंगटा आर-१ इंजीनियरिंग  कॉलेज को भारत सरकार की एजुकेशन मिनिस्ट्री ने नोडल सेंटर बनाया है। साथ ही हैकाथॉन के सॉफ्टवेयर एडिशन की मेजबानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

kumbh mela 2025

CG Prime News@दुर्ग. prayagraj kumbh mela 2025 यूपी के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेला (Maha kumbh mela) के लिए रेलवे (Railway) ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। दुर्ग जंक्शन (Durg junction) से 8 फरवरी को प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन (Prayagraj special train) चलाई जाएगी। प्रयागराज कुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 3 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी जो बिलासपुर, रायगढ़ और दुर्ग से रवाना होंगी। ट्रेनों के रूट के साथ टाइमिंग भी जारी कर दी गई है। पहली ट्रेन रायगढ़ से वाराणसी के लिए 25 जनवरी को छूटेगी। दूसरी ट्रेन दुर्ग से 8 फरवरी और तीसरी बिलासपुर से 22 फरवरी को रवाना होगी।

दुर्ग से प्रयागराज के एक वीकली ट्रेन भी
कुंभ के लिए तीन स्पेशल ट्रेन के अलावा दुर्ग रेलवे स्टेशन से एक वीकली ट्रेन नौतनवा एक्सप्रेस भी है, जो दुर्ग से हर गुरुवार को प्रयागराज के लिए रवाना होती है। छत्तीसगढ़ से चलने वाले कुंभ स्पेशल तीन ट्रेनें दुर्ग से बिलासपुर, कटनी, प्रयागराज के मार्ग से होकर चलनी वाली इन ट्रेनों की सुविधा गोंदिया, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, बालाघाट, नैनपुर, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया समेत कई शहरों के यात्रियों को मिलेगी। बता दें कि कुंभ के लिए रेलवे ने देशभर में 3000 स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।

13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ
महाकुंभ 2025 मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन खत्म होगा। इस मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर स्नान करेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रयागराज पहुंचने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए रेलवे ने भी स्पेशल ट्रेन चलाने की पहल की है।

दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस रद्द
प्रयागराज के लिए दुर्ग से रोजाना डायरेक्ट चलने वाली ट्रेन दुर्ग-छपरा-सारनाथ को दिसंबर, जनवरी और फरवरी में रद्द किया गया है। दिसंबर में 3, 5, 8, 10, 12, 15, 17, 19, 22, 24, 26, 29 और 31 दिसंबर को ये गाड़ी नहीं चलेगी। जनवरी में ये गाड़ी 2, 5, 7, 9, 12, 14, 16, 19, 21, 23, 26, 28 और 30 जनवरी को भी नहीं चलेगी। फरवरी माह में भी 2, 4, 6, 9, 11, 13, 16, 18, 20, 23, 25 और 27 तारीख को भी गाड़ी का परिचालन नहीं होगा।

रेलवे ने जारी किया टाइम टेबल
दुर्ग-वाराणसी स्पेशल: दुर्ग से 13:50 बजे छूटकर 14:15 बजे रायपुर, भाटापारा ठहरते हुए 16:15 बजे उसलापुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। वाराणसी पहुंचने का समय 10:00 बजे तय किया गया है। वहीं प्रयागराज 5:10 बजे पहुंचेगी।

रायगढ़- वाराणसी स्पेशल: रायगढ़ से 14 बजे छूटकर 15:01 बजे चांपा, 16:15 बजे बिलासपुर और पेंड्रारोड, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर स्टेशन पर ठहरते हुए 5:10 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वाराणसी पहुंचने का समय 10:00 बजे निर्धारित किया गया है। वापसी में 10:50 बजे वाराणसी से छूटकर 2:50 बजे बिलासपुर और 5:25 बजे रायगढ़ स्टेशन पहुंचेगी।

बिलासपुर-वाराणसी स्पेशल: यह ट्रेन बिलासपुर स्टेशन 8:15 बजे छूटकर 9:55 बजे रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, गोंदिया, बालाघाट, नैनपुर, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर स्टेशन पर ठहरते हुए 5:10 बजे प्रयागराज छेवकी स्टेशन पहुंचेगी। वाराणसी पहुंचने का समय 10 बजे तय हुआ है। वापसी में यह ट्रेन 10:50 बजे वाराणसी से रवाना होगी।

cold weather in cg

CG Prime News@दुर्ग. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पारा गिरने लगा है। इसके साथ ही कड़ाके की ठंड (Cold in CG) ने दस्तक दे दी है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार दिन और रात का पारा गिरने लगा है। ड्राई हवा आने के कारण रात के तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग (weather department) के मुताबिक अगले 2 दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री गिर सकता है। सोमवार को प्रदेश का अंबिकापुर सबसे ज्यादा ठंडा रहा। यहां रात का तापमान 12.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

रात में ठंड बढ़ेगी
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मंगलवार से अधिकतम तापमान में मामूली कमी आएगी, लेकिन रात के तापमान में बड़ी गिरावट आएगी। अगले कुछ दिनों तक लगातार रात के तापमान में गिरावट का दौर जारी रहेगा।

सरगुजा में ऐसा रहा मौसम
प्रदेश में इस समय सरगुजा संभाग सबसे ठंडा है। सोमवार को सरगुजा में रात का तापमान 12.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं बलरामपुर का पारा 14.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सूरजपुर में 17.1 डिग्री टेंपरेचर रहा। कोरिया में 18.1 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।

रायपुर में ऐसा रहेगा मौसम
शुष्क हवा के कारण रात के तापमान में गिरावट आ रही है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 20 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मंगलवार रात का पारा 5 डिग्री तक गिर सकता है। सोमवार को दिन का तापमान 30.4 डिग्री रहा। जो सामान्य से 1.4 डिग्री ज्यादा था। वहीं रात का तापमान 5.9 डिग्री अधिक रहा।

बिलासपुर संभाग में सामान्य से अधिक रहा तापमान
यहां के जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहा। बिलासपुर में 20.2 डिग्री न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक था। कोरबा में 18.8 डिग्री, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 15.4 डिग्री, मुंगेली में 18.2 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।

Selection of Akshaj of Chhattisgarh in NDA

CG Prime News@रायगढ़. छत्तीसगढ़ के अक्षज दत्त शर्मा का सलेक्शन नेशनल डिफेंस एकेडमी NDA में हुआ है। यह सफलता हासिल करनेे वाले वे राज्य के इकलौते छात्र हैं। वहीं देशभर में अक्षज को 32 वीं रैंक मिली है। अक्षज ने सेल्फ स्टडी और पैरेंट्स के मोटिवेशन से यह सफलता हासिल की है।

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कठिन इंटरव्यू से गुजरे
रायगढ़ के रहने वाले अक्षज के पैरेंट्स ने बताया कि अक्षज ने जब 12वीं कंप्लीट की उसी दौरान एनडीए (National Defence Academy) की लिखित परीक्षा दी थी। एनडीए रिटन में सफलता मिली तो 5 दिन के लिए अक्षज SSB इंटरव्यू के लिए गए। इसमें उनका रैंक 32वां आया है। अब वे अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद देश के लिए फाइटर प्लेन उड़ाएंगे।

फ्लाइंग का शौक
अक्षज ने बताया कि NDA में सलेक्शन के लिए उसने किसी कोचिंग ज्वाइन करने की बजाय सेल्फ स्टडी की। काफी मेहनत की और पेरेंट्स का काफी सपोर्ट मिला। अक्षज ने बताया कि, उसे बचपन से ही फ्लांइग का शौक था। उसकी 7वीं कक्षा तक स्कूलिंग रायगढ़ के ओपी जिंदल स्कूल में हुई। उसके बाद RIMC (राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज) में एंट्रेंस एग्जाम के जरिए उनका चयन हुआ। जहां आगे की पढ़ाई की।

पैरेंट्स ने घर पर पढ़ाया
अक्षज शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे थे। RIMC से NDA तक के सफर के लिए उन्होंने अलग से कोई प्रोफेशनल कोचिंग नहीं ली, बल्कि उनके पिता हितेश दत्त शर्मा उन्हें मैथ पढ़ाते थे और उनकी मां कविता शर्मा उन्हें अंग्रेजी पढ़ाती थीं। जब भी उन्हें कोई परेशानी हुई, तो अक्षज ने शिक्षकों का सहारा लिया। एनडीए में सलेक्शन के बाद अब 2025 जनवरी में अक्षज की ज्वॉइनिंग हो जाएगी। 3 साल पुणे में ट्रेनिंग के बाद वो फ्लाइट कैडेट कहलाने लगेंगे।