Breaking: दुर्ग पुलिस ने अंतरराज्यीय डकैत गिरोह का किया भंडाफोड़, रसमड़ा में पति-पत्नी को बंधकर बनाकर 35 तोला सोना ले उड़े थे, माल खपाने वाला एजेंट भी गिरफ्तार

cg prime news

@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@भिलाई. दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने अंतरराज्यीय डकैत गिरोह के एक आरोपी और डकैतों का माल खपाने वाले एक एजेंट को मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया है। रविवार को प्रेस वार्ता में एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि अंजोरा थाना अंतर्गत रसमड़ा निवासी दिलीप टिंबर के मालिक दिलीप मिश्रा के घर 7 अगस्त मध्य रात्रि डकैतों ने धावा बोलकर पति-पत्नी को बंधक बना लिया था। डकैतों ने उनके हाथ पांव बांधकर आलमारी तोड़कर उसमें रखे करीब 35 तोला सोना और 26 हजार रुपए कैश लेकर फरार हो गए थे। प्रार्थी ने अंजोरा थाना में आकर घर में डकैती की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने 22 दिनों तक मध्यप्रदेश के झाबुआ में कैंप करके भील गिरोह के डकैती में शामिल भंगू डावर, निवासी- नरवानी, जिला धार को गिरफ्तार किया। वहीं डकैती का सोना-चांदी खपाने वाले एजेंट भूरसिंह उर्फ भूरिया, निवासी जिला धार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि डकैत गिरोह के दिलीप, गणपत, भाया, अनिल राठौर, अनिल बघेल फरार हैं।

आरोपी ऐसे पहुंचे थे डकैती करने
पुलिस ने बताया भील गिरोह के सदस्य मध्यप्रदेश से बस बदलकर धार से इंदौर, हैदराबाद, रायपुर होते हुए दुर्ग के रसमड़ा पहुंचे थे। डकैतों ने रसमड़ा में डकैती से पहले हाइवे रोड में जाने के लिए पहले ऑटो का उपयोग किया। उसके बाद डकैती करके ट्रक से लिफ्ट मांगकर नागपुर की ओर भाग गए। एएसपी ने बताया कि भील डकैत गिरोह के सदस्यों ने रसमड़ा के अलावा रिसाली के एनएसपीसीएल कॉलोनी, रायपुर के खम्हारडीह ओर पूर्व में कोरबा जिले के कटघोरा में भी नकबजनी और डकैती की घटना को अंजाम दिया था।

एजेंट के पास बेच दिया सोना चांदी
एएसपी ने बताया कि आरोपी ने भंगू ने बताया कि डकैत और उसके साथियों ने 20 लाख रुपए का सोना-चांदी , दो घड़ी बेच दिया है। 26 हजार कैश भी खर्च कर दिए हैं। आरोपी भंगू से एक सोने की चैन, मंगलसूत्र, सोने का लॉकेट और अंगूठी बरामद किया गया है। वहीं एजेंट भूर सिंह से 5200 कैश, एक सोने का नेकलेस बरामद किया है। इस कार्रवाई में डीएसपी क्राइम ब्रांच हेमप्रकाश नायक, सब इंस्पेक्टर रामनारायण सिंह धु्रव, एएसआई गुप्तेश्वर, हेड कांस्टेबल प्रदीप सिंह, चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक बालमुकुंद साहि, अश्वनी यदु, बृजमोहन सिंह, ऋषि यादव, सुमन मंडावी, आरती सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।