जगदलपुर@CG Prime News. बीजापुर जिले के तर्रेम में मुठभेड़ के बाद लापता जवान राकेश्वर सिंह मनहास के बारे में नक्सलियों ने सोमवार को अपने कब्जे में होने की पुष्टि कर दी। इस बात को तीन दिन हो चुके हैं लेकिन जवान अब तक उनके कब्जे में ही है। बस्तर ही नहीं पूरा देश जानना चाहता है कि आखिरकार जवान के साथ क्या हुआ और वो कहा है। पहली बार हम बताने जा रहे हैं जवान के अपहरण से लेकर अब तक पूरी कहानी।
हिड़मा को निकालने का मास्टरप्लान
सूत्रों से जो बात निकल कर आ रही उसके मुताबिक इस पूरे हमले के मास्टरमाइंड व बटालियन नंबर एक के कमांडेंट हिड़मा को सेफ जोन तक पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने जवान को अपने कब्जे में रखा है। तर्रेम हमले के बाद फोर्स बौखलाखाई हुई है और किसी भी तरह हिड़मा उनके निशाने पर होगा। इसे देखते हुए रणनीति के तहत नक्सलियों ने जवान का अपहरण कर उसे ढाल बनाकर अपने साथ रखा है।
फोर्स से नहीं भीडेंगे नक्सली, हिड़मा को बस्तर से बाहर निकालने में जुटे
जब तक हिड़मा सुरक्षित बस्तर से बाहर नहीं निकल जाता, नक्सली नहीं चाहते कि फोर्स से उनका सामना हो। वे यह बात बेहतर तरीके से जानते हैं कि नक्सलियों के कब्जे में जवान के रहते फोर्स कोई भी बड़ा मूवमेंट जंगल के अंदर नहीं करेगी। सूत्र बताते हैं कि संभवत: सुकमा इलाके से इंटरस्टेट बॉर्डर पार करने की तैयारी हिड़मा कर रहा है।
गांव के एक घर में था जवान, नक्सलियों ने रात में उठाया
सूत्रों से मिली है जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ खत्म होने के बाद रात में जब नक्सली अपने मारे गए साथियों व घायलों को ढूंढने पहुंचे तब जवान राकेश्वर सिंह उन्हें टेकुलगुड़ेम के एक घर में मिला। जिस दौरान जवान नक्सलियों को मिला वह निहत्था था। नक्सलियों को उसके पास से कोई हथियार नहीं मिला। इसके बाद नक्सलियों ने इसकी सूचना हिड़मा तक पहुंचाई। हिड़मा ने निर्देश भिजवाया कि जवान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए और सुरक्षित रखा जाए। यहीं से हिड़मा ने अपने बाहर निकलने का प्लान तैयार किया।
सुरक्षित है जवान, कोई खरोच तक नहीं
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक जवान राकेश्वर सिंह बिल्कुल सुरक्षित है। नक्सलियों ने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। इस वक्त जवान के बासागुड़ा से लेकर जगरगुण्डा के बीच कहीं जंगल में होने की बात सामने आ रही है। इसी क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए सुकमा जिले के किसी इलाके में जवान को रिहा किए जाने की संभावना है।