जिले के 9 शिक्षकों ने बच्चों का भविष्य तबाह किया, गलत उत्तरपुस्तिका जांची, माशिमं ने लगाया 5 साल का बैन, एक वेतन वृद्धि पर भी लगाई रोक, आदेश जारी

भिलाई . छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने प्रदेश के 59 शिक्षकों को तीन से पांच साल के लिए परीक्षा कार्य से वंचित कर दिया है। इसमें दुर्ग जिले के भी 9 शिक्षक शामिल हुए हैं, जिनकी लापरवाही ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया। माध्यमिक शिक्षा मंडल की वार्षिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिका जांचने की जिम्मेदारी इनको दी गई, लेकिन इन लापरवाही शिक्षकों ने बिना उत्तरपुस्तिका जांचे ही छात्रों को अंदाजे से अंक दे दिए। लिहाजा, इन शिक्षकों की लापरवाही से बच्चे फेल हुए।

उत्तरपुस्तिकाओं को दोबारा से जंचवाया गया

पुनर्मूल्यांकन के बाद जब इन शिक्षकों की जांची गई उत्तरपुस्तिकाओं को दोबारा से जंचवाया गया तो हर कोई हैरान रह गया। दोबारा जांच में बच्चों के 20 से 49 अंक बढ़ गए। अब इन शिक्षकों की लापरवाही पर माशिमं ने इनको 5 साल तक के लिए उत्तरपुस्तिका जांच के साथ अन्य परीक्षा कार्यों से वंचित करने का निर्णय लिया है। शिक्षकों की सालाना वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। हिन्दी के 5 शिक्षकों ने जो कॉपियां चेक किए हैं, उन उत्तर पुस्तिकाओं में तो 50 से ज्यादा नंबरों की बढ़ोतरी हुई है।

ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया

लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को 3 से 5 साल के लिए माशिमं के समस्त पारिश्रमिक कार्यों के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। मूल्यांकन कराने के बाद 20 से 40 अंक का परिवर्तन आने पर 48 शिक्षकों को 3 साल के लिए माशिमं के सभी तरह के पारिश्रमिक कामों से उन्हें वंचित करने के साथ साथ एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा की है।

50 से ज्यादा नंबरों की बढ़ोतरी

पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए जिन छात्रों ने आवेदन किया था, जब पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो हिन्दी विषय के 5 शिक्षकों की कॉपियों में 50 से ज्यादा अंकों की बढ़ोतरी हुई। वहीं 6 शिक्षकों द्वारा जांची गई उत्तरपुस्तिकाओं में 49 अंक तक की वृद्धि हुई है। प्रदेशभर में 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। पुनर्गणना में छात्रों के आंसर में बहुत फर्क मिला है।

छात्रों के अंकों में 20 से लेकर 50 अंक तक की बढ़ोतरी का बच्चों के रिजल्ट पर असर पड़ा। जो छात्र मुख्य परीक्षा में ही पास हो गया था, इन शिक्षकों की लापरवाही से उसे पूरक या फेल किया गया। शिक्षकों की लापरवही से ही बच्चों के मन पर बुरा असर पड़ा, जबकि पारिवारिक रूप से भी उन्हें परेशान होना पड़ा।

इन शिक्षकों को किया ब्लैक लिस्टेड –

  • भुवनेश्वर प्रसाद देशमुख, व्याख्याता, चिलखी दुर्ग
  • हर्ष रंजन अग्रवाल, व्याख्याता, मारवाड़ी स्कूल दुर्ग
  • डी. रामा, व्याख्याता, विवेकानंद विद्यापीठ, भिलाई
  • मीरा सिंह, व्याख्याता, सरस्वती स्कूल, भिलाई
  • ममता साहू, व्याख्याता, संस्कार पब्लिक स्कूल, आमालोरी पाटन
  • कुमारी महेश्वरी, व्याख्याता, शासकीय विद्यालय, पाहंदा पाटन
  • ए. रजनी, व्याख्यता, शासकीय स्कूल, भरर पाटन
  • सुभांगी अग्निहोत्री, व्याख्याता, शासकीय स्कूल कोहका भिलाई
  • संतोषी देवी घिरवानी, व्याख्याता, सेजेस, सेलूद पाटन
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