खुद्दार कहानी: जिस सरकारी ऑफिस में चपरासी बनकर टेबल-कुर्सी पोछी वहीं बने अफसर, CGPSC

cg psc 2023

CG Prime News@रायपुर. CGPSC 2023 Topper कहते हैं कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस अपना लक्ष्य और हौसले ऊंचे होने चाहिए। इस बात को रायपुर के शैलेंद्र कुमार बांधे ने सच साबित कर दिया है। माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक होने के बावजूद उन्होंने परिवार को आर्थिक सहयोग करने के लिए चपरासी की नौकरी की। कड़ी मेहनत का ही फल है जिस छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) के जिस ऑफिस में वे अफसरों की टेबल कुर्सी पोछा करते थे आज वहीं से खुद एक सरकारी अफसर बनकर निकले हैं। ये फिल्मों जैसी असल जिंदगी की कहानी है। शैलेंद्र ने सीजी पीएससी 2023 पास किया है। अब उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर (स्टेट टैक्स डिपोर्टमेंट) के रूम में नियुक्ति मिली है। उन्होंंने अपने पांचवे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।

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चपरासी की परीक्षा पासकर बने प्यून

शैलेंद्र ने अपनी सफलता के बाद इंटरव्यू में बताया कि रायपुर के बीरगांव में उनका घर है। 2019 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बचपन से उनका सपना अधिकारी बनने का था। इसलिए हर वर्ष बिना रुके पीएससी की परीक्षा दे रहा था। इस बीच परिवार का सहयोग करने का दबाव आने लगा। उन्हें लगा कि मुझे आर्थिक रूप से निर्भर होना जरूरी है। इसलिए 2022 में चपरासी के लिए आवेदन कर दिया। परीक्षा पास होने के बाद उन्हें 27 मई, 2024 को नियुक्ति मिल गई।

सात महीने से कर रहे चपरासी की नौकरी

पिछले सात माह से लोकसेवा आयोग के कार्यालय में ही चपरासी के रूप में कार्यरत है। यहां वे अधिकारियों की टेबल साफ करने, फाइल पहुंचाने का काम करते आ रहे हैं, लेकिन कभी निराश नहीं हुए। पांचवें प्रयास में उन्हें बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा दूंगा, लेकिन डिप्टी कलेक्टर बनने तक नहीं रुकूंगा। वे बताते हैं कि वर्ष 2019 में पहली बार राज्य पीएससी में शामिल हुए थे, लेकिन सफल नहीं हुए। मुख्य परीक्षा तक पहुंच गए, लेकिन सफल नहीं हुए। 2021 में उन्होंने मंडी निरीक्षक की परीक्षा दी थी। यहां दो-तीन नंबर से उन्हें निराशा मिली। अगले वर्ष 2022 में उन्हें पीएससी में 306वीं रैंक मिली थी। फिर नए सिरे से तैयारी शुरू की। इस बार उन्हें सफलता मिल गई।

छह अंक से चूके डिप्टी कलेक्टर के लिए

असिस्टेंट कमिश्नर बनकर प्रफुल्लित शैलेंद्र ने बताया कि इस बार वे छह अंक से चूक गए वर्ना डिप्टी कलेक्टर बन जाते। उन्होंने कहा कि अगली बार फिर प्रयास करूंगा। साक्षात्कार के बारे में उन्होंने बताया कि मुझसे संविधान, आंबेडकर, सतनाम पंथ, छत्तीसगढ़ी कविता आदि के बारे में सवाल पूछे गए थे।