दुर्लभ वाद्ययंत्रों से जंगली जानवरों की आवाज सुन कर दंग रह गए केंद्रीय मंत्री यादव

मुख्यमंत्री व अतिथियों ने लोक वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय और उनके समूह की प्रस्तुति को सराहा

भिलाई. राजधानी रायपुर में विश्व हाथी दिवस पर स्थानीय होटल में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में अंचल के प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने अपने दुर्लभ वाद्य यंत्रों से बीती रात केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित देश भर के विशिष्ट अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिखी की प्रस्तुति को सराहा और विगत 40 वर्ष से घूम-घूम कर लोकवाद्य का संग्रह किए जाने को समर्पण की अनुकरणीय मिसाल बताया।  

इस आयोजन में रिखी क्षत्रिय ने अपने 36 कलाकारों के दल के साथ छत्तीसगढ़ के परंपरागत तीज त्योहारों पर रंगारंग प्रस्तुति दी। यहां उन्होंने भेर, चरहे, कोटेला, खंजरी, मांदर,चटकोला, गतका, झड़ी डंडा, कुहकी और टंहडोर जैसे दुर्लभ वाद्यों से हांथी, शेर, मेंढक, सारस, तितुर चिड़िया, पंड़की, कोयल, सलहई चिड़िया और झरने की आवाज निकाल कर देश भर के मेहमानों को अचंभित कर दिया। इसके बाद रिखी और उनके समूह ने छत्तीसगढ के बारामासी गीत नृत्य प्रस्तुत किए, जिसमें चैत्र मास मे जंवारा गीत, सावन हरेली का गेंडी नृत्य, भादो का भोजली नृत्य, जन्माष्टमीं के रामधुनी नृत्य से लेकर फागुन माह के होली नृत्य प्रस्तुत किया। वहीं आदिवासी नृत्य में बस्तर के परब, दन्तेवाडा के माडी करमा, गौर माडिया नृत्य और कवर्धा का बैगा करमा आदि की भी प्रस्तुति दी। मात्र 15 मिनट के निर्धारित समय में रिखी ने छत्तीसगढ़ की समूची संस्कृति व परंपरा को मंच पर उतार दिया। रिखी क्षत्रिय समूह में कलाकारों में गायक कुलदीप सार्वा, ओमेंश्वरी, दिनेश वर्मा, गीतांजलि, किरन, संगीत में रामकुमार, उग्रसेन, डोरेलाल, कमल, राजेश, भोला, अजित और नृत्य पक्ष में अनुराधा, पारस, जया, संजू, नेहा, शशि, प्रदीप, नवीन, लीना, रिंकू, चंचल, सुनील, सुनील, हेमा, प्रियंका, प्रमोद, दादू, रंजीत जागेश्वरी और नेहा देवांगन का योगदान रहा।

अतिथियों ने रिखी और उनके समूह की प्रस्तुति को सराहा

प्रदेश के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री  केदार कश्यप, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव  जितेन्द्र कुमार विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, हाथी परियोजना के निदेशक रमेश पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी सुधीर अग्रवाल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, वन्य प्राणी विशेषज्ञ, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कृषि, विद्युत एवं रेल्वे विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने रिखी और उनके समूह की प्रस्तुति को बेहद सराहा। लोक वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने इस प्रोत्साहन के लिए मंच से सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।