CSVTU forte की स्टार्टअप्स टीम ने राज्यपाल रमने डेका से की मुलाकात, स्टार्टअप के लिए कुलाधिपति ने राजभवन से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिहाज से सेक्शन-8 कंपनी सीएसवीटीयू फोर्टे की स्थापना की गई है। बुधवार को सीएसवीटीयू के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीएसवीटीयू फोर्टे के सीईओ अग्रांशु द्विवेदी शामिल रहे और उन्होंने राज्यपाल को इस कंपनी की जानकारी दी। बताया कि, 6 प्रमुख स्टार्टअप्स ने फोर्टे से जुड़े हुए हैं।

स्टार्टअप की प्रस्तुतियां दीं

यहां सभी ने अपने-अपने स्टार्टअप की प्रस्तुतियां दीं। पहली प्रस्तुति में विनिता पटेल के नेतृत्व में ‘आरुगÓ नामक स्टार्टअप सामने आया और बताया कि उन्होंने एक विशेष वॉशेबल सेनेटरी पैड तैयार किया है। राज्यपाल महिला-केंद्रित स्टार्टअप के प्रभाव रिपोर्ट और उपलब्धियों से प्रभावित हुए और भविष्य में विनिता पटेल के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा करने की इच्छा जताई।

दूसरा स्टार्टअप ‘आत्मनिर्भर गांवÓ था, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सौर ऊर्जा आधारित उपकरण विकसित कर रहा है। इस स्टार्टअप का नेतृत्व डॉ. आरएन पटेल और राहुल बघेल कर रहे हैं। राज्यपाल ने इस विचार को बहुत रोचक पाया और समाधान की लागत प्रभावशीलता और विस्तार क्षमता पर ध्यान देने का सुझाव दिया।

राज्यपाल ने दिए कई सुझाव

तीसरी प्रस्तुति करण चंद्राकर द्वारा दी गई, जो केले के अपशिष्ट का उपयोग कर कपड़ा, उर्वरक और ईंटें बना रहे हैं। राज्यपाल ने ईंटों की मजबूती के बारे में जानकारी ली और प्रोटोटाइप परिणामों से संतुष्ट हुए। चौथा स्टार्टअप ‘वॉबल लैब्सÓ था, जो ड्रोन तकनीक पर आधारित है। राज्यपाल और उनके एडीसी सुनील शर्मा ने संस्थापकों को उनके स्टार्टअप के विस्तार के लिए कई सुझाव और समर्थन का भरोसा दिलाया। राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि तकनीकी विश्वविद्यालय ड्रोन क्लब स्थापित करे, ताकि छात्रों को ड्रोन तकनीक से सुसज्जित किया जा सके।

पांचवां स्टार्टअप ‘कोशल आट्र्सÓ था, जिसका संचालन अंकित बंजारे कर रहे हैं। यह स्टार्टअप छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला को पुनर्जीवित करने और इसे वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने इसे ग्रामीण आजीविका सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पाया और किफायती उत्पादों के लिए फाइबर ग्लास का उपयोग करने का सुझाव दिया।

रेडी टू ईट उत्पादों को सराहा गया

अंतिम प्रस्तुति ‘छत्तीसगढ़ इंस्टेंट मिलेट फूड प्राइवेट लिमिटेडÓ द्वारा की गई, जो एनीमिया और कुपोषण से लडऩे वाले रेडी-टू-ईट उत्पाद विकसित कर रही है। राज्यपाल इस स्टार्टअप से बहुत प्रभावित हुए। राज्यपाल महोदय ने सीएसवीटीयू फोर्टे फाउंडेशन के इन होनहार उद्यमियों के साथ पर्याप्त समय बिताया और उन्हें आश्वस्त किया कि, राजभवन से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। सहकार भारती के अध्यक्ष, डॉ. लक्ष्मीकांत द्विवेदी भी इस दौरान उपस्थित थे।