भिलाई . भारत के अलावा विश्व के कई देशों में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं। जिनकी जीवन शैली खानपान और रीति रिवाज आम जनजाति से काफी अलग है। अपनी अनोखी संस्कृति-रीति रिवाज के कारण इन समुदायों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राज्य शासन ने इस दिन को प्रादेशिक अवकाश घोषित किया गया है। आदिवासी दिवस के मौके पर साइंस कॉलेज में गुरुवार को कार्यक्रम कराया गया।
आदिवासी समूह नृत्य प्रतियोगिता और आदिवासी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता हुई। प्रतियोगिता में प्रत्येक हाउस से एक टीम को प्रवेश दिया गया। आदिवासी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रत्येक हाउस से अधिकतम 5 प्रतिभागी भाग ले सकते हैं, इन प्रतियोगिताओं के आयोजन का उद्देश्य आदिवासी कला, संस्कृति, लोक परंपरा, रीति रिवाज, रहन-सहन और वेशभूषा से विद्यार्थियों को परिचित करना एवं उनके समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को रंगमंच के माध्यम से बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एमए सिद्दीकी थे। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि आदिवासी समुदायों ने सदियों से पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह दिवस विश्व के आदिवासी समुदाय की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाने का अवसर है। कार्यक्रम कीे विशेष अतिथि डॉ. अनुपमा अस्थाना थीं।आदिवासी समूह नृत्य प्रतियोगिता में विवेकानंद हाउस ने शानदार नृत्य प्रदर्शन से प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान चंद्रशेखर आजाद हाउस ने प्राप्त किया।
तृतीय स्थान भगतसिंह हाउस ने बनाया। चौथा स्थान सुभाष चंद्र हाऊस ने पाया। इसी प्रकार आदिवासी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान चंद्रशेखर शेखर आजाद हाउस से मोरध्वज ने जीता। द्वितीय स्थान विवेकानन्द हाऊस से दुष्यंत ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान भगतसिंह हाऊस से मिनेश यादव ने प्राप्त किया और भगतसिंह हाऊस के ही पिंटू कुमार चौथे स्थान पर रहे।