दंड नहीं न्याय देने का आया कानून, रंगीन रौशनी से सराबोर हुए पुलिस थाने

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दुर्ग जिला में 25 थाना और 6 चौकियां रंगीन लाइट्स से जगमगाई

@CG Prime News @R.Sharma

भिलाई. देश के अमृत काल के मौके पर भारत सरकार ने न्याय को प्रमुखता दी। अंग्रेजों द्वारा बनाएं गए कानून में संशोधन करते हुए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता लाया गया। आज से प्रभावशील हो जाएगा। दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग और एसपी जितेन्द्र शुक्ला के नेतृत्व में सभी थाना और चौकियों को रंगीन लाइटों से रौशन किया गया है। थाना में उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।

दुर्ग थाना रंगीन लाइटों से जगमगाया

गौरतलब है कि अंग्रेजों ने भारत को अपना उपनिवेश बनाया। उनकी कोशिश थी कि भारतीय उनके कामकाजों में दखल न दें। इसके चलते उन्हें भारतीय दंड संहिता और भारतीय न्याय प्रक्रिया संहिता की रचना की थी। इसका मुख्य उद्देश्य गुनहगार को दंड देना था। न्याय देना इसका कतई उद्देश्य नहीं था। हालांकि कुछ ऐसे कानून भी थे। जिसमें समाज की कुरीतियों पर कुठारा घात किया। जैसे विधवा विवाह कानून, बाल विवाह अधिनियम, बाल मजदूरी उन्नमूलन अधिनियम। बहरहाल केन्द्र सरकार ने इस पुराने कानून में संशोधन करते हुए कई अनावश्यक अधिनियमों को हटा दिया है। इससे लोगों को अब न्याय मिलेगा।

जिले के थाना हुए रंगीन लाइटों से रौशन

दुर्ग जिले की आवादी करीब 22 लाख है। जिले में 25 थाना और 6 चौकियां है। भारतीय कानून अब एक नए आयाम की ओर बढ़ रहा है। तीनों कानून का स्वागत जोर शोर से किया जा रहा है। एसपी ने 1 जुलाई से प्रभावशील हो रहे नए कानूनों को लेकर जिले के सभी थानों और चौकिंयों को रात के समय रंगीन लाइटों से सजाने के निर्देश दिए, जिसकी पहली झलक 30 जून की रात्रि को ही दिखने लगी।