खैरागढ़. शहर में 19 साल बाद फिर से बाढ़ Flood in khairagarh ने कहर बरपाया। सोमवार देर शाम से शुरू हुई झमाझम बारिश दूसरे दिन मंगलवार दोपहर तक लगातार जारी रही। इसका असर नदियों पर पड़ा। आमनेर नदी का जलस्तर अल सुबह से बढऩे के चलते बाढ़ का पानी शहर में घुसने लगा। सुबह तीन बजे से शहर के ईतवारी बाजार इलाके में सबसे पहले बाढ़ का पानी घुसा। लगभग आधा दर्जन वार्ड आबेडकर वार्ड, धरमपुरा, तुरकारीपारा, दाउचौरा शिवमंदिर और टिकरापारा इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए। शहर के सबसे व्यस्ततम ईतवारी बाजार में सुबह से ही दुकानदार और रहवासी दुकान और मकान खाली करने में जुटे रहे।
जल स्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात
इस दौरान बाढ़ के पानी का जलस्तर लगातार बढऩे के चलते कई दुकानों और मकानों से सामान ही नही निकल पाया। बाढ़ की सूचना के बाद सुबह से अलर्ट हुई प्रशासन की टीम ने मोर्चा संभाला। Flood in khairagarh बाढ़ ग्रस्त इलाको और निचली बस्तियों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर लोगो को पहुंचाने कार्यवाही शुरू की गई। सांस्कृतिक भवन, मंगलभवन, प्राशा सहित कई जगहो पर बाढ़ प्रभावित परिवारो को सुरक्षित पहुंचाकर उनके रहने और खाने की व्यवस्था बनाई गई।
प्रधानपाठ में बढ़े जलस्तर का असर
शहर में बाढ़ के हालात आमनेर नदी में बढ़े जलस्तर के चलते बने। 19 साल बाद आमनेर ने फिर से रौद्र रूप दिखाया। प्रधानपाठ बैराज में पानी का बहाव संभालने पानी छोडऩा पड़ा। महाराष्ट्र और मप्र सीमा स्थित पहाडिय़ों से लगातार पानी का बहाव बढऩे के चलते आमनेर में जलस्तर लगातार बढ़ा। प्रधानपाठ बैराज में देररात Flood in khairagarh जलस्तर का दबाव बढऩे से 443 क्यूसेक पानी लगातार छोड़ा गया। जो शहर में बाढ़ बनकर घुसा। 19 साल पहले 2005 में आई बाढ़ के बाद यह मंजर लोगों ने दोबारा देखा। इस दौरान सुबह से हो रही जोरदार बारिश के चलते भी राहत और बचाव कार्य काफी ज्यादा प्रभावित हुआ।
राजस्व, नगर पालिका, पुलिस प्रशासन व्यवस्था संभालने सुबह से जुटी रही। एसडीएम टंकेश्वर साहू, नपा सीएमओ प्रमोद शुक्ला सहित पुलिस टीम शहर में व्यवस्था बनाते रहे। आमनेर के बौराने के दौरान पिपरिया और मुस्का नदी का जलस्तर भी काफी ज्यादा बढ़ गया। हालांकि दोनों नदियों में जलस्तर ज्यादा नहीं बढऩे के चलते बाढ़ भयावह रूप नहीं ले पाई।
यहां हुआ सबसे ज्यादा असर
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर ईतवारी बाजार, आम्बेडकर वार्ड तुरकारीपारा इलाके में पड़ा। ईतवारी बाजार में सुबह 9 बजे राजनांदगांव कवर्धा मार्ग पर 8 फीट से अधिक ऊंचाई तक पानी पहुंच गया। तुरकारीपारा और आम्बेडकर वार्ड के निचले इलाके भी पूरी तरह जलमग्न हो गए। पुराना बस स्टैण्ड और बस स्टैंड के पिछले इलाकों में भी कमर तक पानी भर गया।
बाढ़ के चलते सुबह 5 बजे से ही राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया। धमधा रायपुर मार्ग भी धरमपुरा पुल में बाढ़ का पानी बढऩे से बंद हो गया। राजनांदगांव कवर्धा मार्ग कई जगह जलभराव के चलते बंद हो गए। शहर में टिकरापारा और शिवमंदिर मार्ग भी नालो में जलभराव होने के कारण शहर से पूरी तरह कटे रहे।