OTT प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया के लिए केंद्र सरकार ने जारी किए गाइडलाइंस

– सूचना मंत्री ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र बनाया जाएगा.

ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने बारे में देनी होगी जानकारी.

CG Prime News@नई दिल्ली. भारत सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है।  केंद्रीय सूचना मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।  अब अश्लीलता, सेलीब्रेटी और नफरत फैलाने वालों पर रोक लगेगा।

सूचना मंत्री ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया को भी अपने बारे में जानकारी देनी होगी। केंद्र ने डिजिटल मीडिया के सेल्फ रेग्युलेशन को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है. इन नियमों के बनने से डिजिटल मीडिया भी इसके अंतर्गत आ जाएगा।  जावड़ेकर के मुताबिक, ‘सेंसर बोर्ड का ऐथिक्स कोड कॉमन रहेगा, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया की आजादी की जवाबदेही होनी चाहिए, उस आजादी के दायरे में यह नियम बनाए गए हैं।  जावड़ेकर ने कहा कि सेल्फ रेगुलेशन होनी चाहिए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का सेवानिवृत्त जज करेगा या इस श्रेणी का कोई प्रख्यात व्यक्ति करेगा। उन्होंने एक ओवरसाइड तंत्र के होने की भी बात कही। 

सूचना मंत्री ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र बनाया जाएगा.

पैरेंटल लॉक मैकेनिज़म- प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स को खुद से 13 और 16 साल से ऊपर और ‘ए’ कैटेगरी के लिए कंटेंट को वर्गीकृत करना पड़ेगा। इसके अलावा पैरेंटल लॉक का भी मैकेनिज़म होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे ऐसे कंटेट को न देखें. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।  प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी, सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे.

प्रसाद ने कहा कि यूजर्स की गरिमा को लेकर अगर कोई शिकायत की जाती है, खासकर महिलाओं की गरिमा को लेकर तो आपको शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर उस कंटेट को हटाना होगा. उन्होंने कहा कि सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया के कानून को हम तीन महीने में लागू करेंगे. कोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा पूछा जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेट का ओरिजनेटर बताना होगा.

‘सॉफ्ट टच’ विनियमन

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के खिलाफ हैं. फर्स्ट क्रिएटर को लेकर भी उन्होंने बताया कि फर्स्ट ओरिजिनेटर के बारे में भी सोशल मीडिया को बताना पड़ेगा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों के बार-बार दुरुपयोग तथा फर्जी खबरों के प्रसार के बारे में चिंताएं व्यक्त की जाती रहीं हैं और सरकार ‘सॉफ्ट टच’ विनियमन ला रही है. नए नियमों के अनुसार सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा. शिकायत समाधान अधिकारी का निवास भारत में होना चाहिए तथा सोशल मीडिया मंचों को मासिक रूप से अनुपालन रिपोर्ट दायर करनी होगी.इसके तहत, ओटीटी और डिजिटल समाचार मीडिया को अपने द्वारा प्रकाशित कंटेंट के बारे में डिटेल्स देनी होगी। 

सूचना- सरकार पंजीकरण को अनिवार्य नहीं कर रही है, लेकिन कंटेंट के संबंध में जानकारी मांग रही है। दोनों ओटीटी प्लेटफार्मों और डिजिटल पोर्टल्स में शिकायत निवारण प्रणाली होनी चाहिए। भारत में शिकायत निवारण अधिकारी का निवास होना चाहिए।

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