ऑनलाइन गिरफ्तारी का दिखाया डर
भिलाई। सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) की गिरफ्तारी का डर दिखाकर बीएसपी (BSP) से सेवानिवृत्त एजीएम गोवर्धन लाल धुरंधर से साइबर ठगों ने 15 लाख 74 रुपए की ठगी कर ली। ठगों ने उन्हें 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और डर के माहौल में फंसाकर उनकी राष्ट्रीय बचत पत्र तोड़वा दी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (BSP’s retired AGM was under digital arrest for 9 days due to fear of CBI-ED, cyber fraud of Rs 15 lakh)
ग्रामीण एएसपी अभिषेक झा ने बताया कि उमरपोटी बेदांतनगर निवासी गोवर्धन लाल को 26 मार्च दोपहर करीब 1 बजे एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। उसने खुद को ट्राई (TRAI) अधिकारी रितेश राव बताया और कहा कि गोवर्धन के नाम से मुंबई में एक सिम कार्ड एक्टिव हुआ है, जिससे करीब 7 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है। caller ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई, ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है और उन्हें दो घंटे के भीतर मुंबई पहुंचना होगा, वरना गिरफ्तारी तय है।
डर की वजह से तो के जाल में फंसे एजीएम
Police ने बताया कि डर के मारे गोवर्धन ठगों के जाल में फंस गए। उन्हें वीडियो कॉल के जरिए नकली सीबीआई, ईडी और कोर्ट अधिकारियों को दिखाया गया, जिससे वह और ज्यादा घबरा गए। 26 मार्च से 4 अप्रैल तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इस दौरान उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया गया और मोबाइल पर लगातार निगरानी की जाती रही।
3 अप्रैल को राष्ट्रीय बचत पत्र को तुड़वाया
3 अप्रैल को गोवर्धन ने भिलाई एसबीआई ब्रांच जाकर अपनी राष्ट्रीय बचत पत्र को तोड़वाया और ठगों द्वारा दिए गए खाते में आरटीजीएस के जरिए 15 लाख 74 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उन्हें धमकी दी गई कि इस पूरी घटना की जानकारी किसी को न दें।
फाइनेंशियल सलाहकार ने बताया साइबर ठगी के हुए शिकार
जब गोवर्धन ने इस बारे में अपने बेटे और फाइनेंशियल सलाहकार को बताया, तब उन्हें समझ आया कि यह एक साइबर ठगी है। इसके बाद उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई और थाने पहुंचकर एफआईआर करवाई।
पुलिस के अनुसार, यह मामला हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी का है, जिसमें पीड़ित को पूरी तरह मानसिक दबाव में रखकर धन की उगाही की गई। पुलिस तकनीकी जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों तक पहुंचने का दावा कर रही है।