आईआईटी भिलाई में ऑर्बिटल केमसाइ सिम्पोजियम-2025

आईआईटी भिलाई में आयोजित ऑर्बिटल केमसाइ सिम्पोजियम 2025 में वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने उन्नत शोध पर चर्चा की।

वैज्ञानिक आदान–प्रदान का प्रभावशाली मंच

दुर्ग। आईआईटी भिलाई के केमिस्ट्री विभाग ने 9 दिसंबर को “ऑर्बिटल केमसाइ सिम्पोजियम 2025” का सफल आयोजन किया। इस एक-दिवसीय सिम्पोजियम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों, एल्युमनाई और छात्रों ने उन्नत वैज्ञानिक शोध पर विचार-विमर्श किया।

कार्यक्रम की शुरुआत विभाग के एसोसिएट हेड डॉ. आर मायल मुरुगन और कन्वीनर डॉ. अरूप मुखर्जी ने स्वागत भाषण के साथ की। इसके बाद आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने संस्थान में मजबूत रिसर्च संस्कृति और वैश्विक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

टेक्निकल लेक्चर्स में उभरे शोध के नए आयाम

सिम्पोजियम की शुरुआत प्रो. पीटर कॉम्बा (यूनिवर्सिटी ऑफ हीडलबर्ग, जर्मनी) के विशेष व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने मेटल-आयन आधारित केमिस्ट्री और फंडामेंटल साइंस की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद प्रो. होल्गर गोहल्के ने एंजाइमोलॉजी और एग्रीकल्चर साइंस में मॉलिक्यूलर मशीन लर्निंग के उपयोग पर अपना व्याख्यान दिया।

लंच के बाद प्रो. सीवी शास्त्री (आईआईटी गुवाहाटी) ने बाइफंक्शनल कैटलिस्ट और छोटे मॉलिक्यूल एक्टिवेशन पर टॉक प्रस्तुत की। वहीं, एल्युमनाई सत्र में डॉ. दीप चौधरी ने अपनी नवीन कैटेलिटिक रिसर्च साझा की।

स्टूडेंट प्रस्तुतियों ने दिखाया शोध का स्तर

पूरे दिन में 11 शोधार्थियों ने एडवांस्ड कैटलिसिस, स्मार्ट पॉलिमरिक मटेरियल, मेडिकल इमेजिंग, कम्प्यूटेशनल मैकेनिज्म, विजिबल-लाइट ट्रांसफॉर्मेशन, एनर्जी मटेरियल समेत विविध विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिए। इन प्रस्तुतियों ने आईआईटी भिलाई की बढ़ती शोध क्षमताओं को दर्शाया।

पोस्टर सत्र व नेटवर्किंग ने बढ़ाई संभावनाएं

सिम्पोजियम में आयोजित पोस्टर सत्र और इंटरैक्शन ने युवा शोधार्थियों को सहयोग और मार्गदर्शन के अवसर प्रदान किए। अंत में ऑर्गनाइजिंग कमेटी ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

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