सर्द में तड़पती मासूम: भिलाई खंडहर में मिली नवजात बच्ची, मां की बेरुखी

राहगीरों और पुलिस की सतर्कता से बची नवजात की जान—जामुल की घटना से दहल उठा दिल

सर्द हवाओं में गूंजती एक मासूम की पुकार

भिलाई। जामुल की एक सुनसान सड़क पर ठंडी हवा के बीच जब अचानक एक हल्की सी सिसकी सुनाई दी, तो वहां से गुजर रहे लोगों के कदम अपने आप रुक गए। किसी ने सोचा भी नहीं था कि उस आवाज के पीछे जिंदगी और मौत के बीच जूझती एक नवजात बच्ची होगी। गड्ढे में फैके गए एक कंबल के नीचे जब लोगों ने उसे देखा, तो हर किसी का दिल कांप उठा। इतनी छोटी-सी जान… इतनी भयंकर ठंड… और कोई अपना भी साथ देने वाला नहीं। (Innocent child suffering in the cold: Newborn baby girl found in Bhilai ruins, mother’s indifference)

इंसानियत जागी, लोग दौड़े मदद को

किसी ने तुरंत 112 पर फोन मिलाया। पुलिस की टीम कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंची। नवजात को उठाकर सीने से लगाया गया तो वह जोर से रो पड़ी—जैसे जिंदगी की ओर वापस लौटने की जिद कर रही हो। पुलिस ने दौड़कर बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों का कहना है कि वह ठंड से ठिठुर चुकी थी, लेकिन समय रहते पहुंचाई गई, इसलिए अब उसकी हालत स्थिर है।

लोगों के मन में एक ही सवाल—आखिर क्यों?

घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। हर कोई यही पूछ रहा है—क्या कोई मां अपनी बच्ची को इस तरह मरने के लिए छोड़ सकती है? क्या उसकी रूह नहीं कांपी होगी? कौन-सी मजबूरी इतनी क्रूर हो सकती है कि एक जन्म भी ठीक से न लिया हुआ बच्चा जिंदगी से यूं धकेल दिया जाए?

पुलिस मां की तलाश में, समाज जवाब खोज रहा है

पुलिस मितानिनों की मदद से यह पता कर रही है कि हाल के दिनों में किन घरों में प्रसव हुआ है। तलाश सिर्फ आरोपी तक पहुंचने की नहीं है—तलाश उस सवाल की भी है, जो इंसानियत को भीतर तक हिला रहा है।
यह बच्ची सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चेतावनी है—कि कहीं समाज में कोई ऐसी कहानी तो नहीं पल रही, जिसे सुनने की जरूरत है?

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