दुर्ग में जमीन कारोबारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में उतरे कांग्रेस MLA देवेंद्र, बैठे भूख हड़ताल पर

दुर्ग में जमीन कारोबारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में उतरे कांग्रेस विधायक देवेंद्र, बैठे भूख हड़ताल पर

CG Prime News@दुर्ग.Congress MLA Devendra protested against lathi charge on land dealers in Durg छत्तीसगढ़ में जमीन गाइडलाइन दरों में वृद्धि के विरोध में अब जमीन कारोबारियों को दुर्ग जिले में कांग्रेस विधायक का साथ मिल गया है। गुरुवार को दुर्ग जिले में प्रदर्शनकारी कारोबारियों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी सहित नई गाइडलाइन के विरोध में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने प्रदर्शन किया। भिलाई नगर विधायक एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे रहे।

जायज मांग को सुनने की जगह किया बल प्रयोग

जमीन कारोबारियों की मांगों को जायज बताते हुए उनके समर्थन में जिले के सभी कांग्रेस जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी भी पटेल चौक धरना स्थल पहुंचे। कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता की जायज मांगों को सुनने के बजाय उन पर बल प्रयोग कर अपनी संवेदनहीनता साबित कर दी है।

मीडिल क्लास के मकान बनाने का सपना तोड़ा

विधायक देवेंद्र का कहना है कि भाजपा सरकार ने रजिस्ट्री दरों वृद्धि कर प्रदेश के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का अपना मकान बनाने का सपना तोड़ दिया है।
आंदोलनरत जमीन कारोबारी, किसान और आम नागरिकों पर लाठीचार्ज भाजपा सरकार की दमनकारी और तानाशाही मानसिकता को दिखाती है। उन्होंने जमीन कारोबारियों की मांगों को जायज बताया है। इस दौरान पूर्व विधायक अरूण वोरा भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

आम नागरिकों पर बढ़ा दिया बोझ

दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी का सीधा नुकसान उन परिवारों को होगा, जो सालों की जमा-पूंजी से छोटा प्लॉट लेकर घर बनाने का सपना देखते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उरला क्षेत्र में पहले 300-400 रुपए प्रति वर्गफीट वाली जमीन का रजिस्ट्री खर्च 30-40 हजार रुपए तक आता था।

अब गाइडलाइन दर 2200 रुपए प्रति वर्गफीट होने से उसी जमीन की रजिस्ट्री फीस 2 से 2.5 लाख रुपए तक पहुंच गई है। ऐसे में 3 लाख का प्लॉट खरीदने वाले को 2 लाख रुपए सिर्फ रजिस्ट्री में देने होंगे। यह बोझ किसी भी आम नागरिक की क्षमता से बाहर है।

कांग्रेस ने बताया सत्ता का दुरुपयोग

दुर्ग शहर अध्यक्ष धीरज बाकलीवाल ने बताया कि जमीन कारोबारियों की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था। बढ़ी हुई गाइडलाइन दरों को वापस लेने की मांग को लेकर उनकी भूख हड़ताल भी जारी थी। पांच दिनों में न तो सरकार का कोई मंत्री या विधायक उनसे मिलने पहुंचा और न ही किसी भाजपा नेता ने उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की।

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