कलेक्टर साहब, जमीन अधिग्रहित हो गई, मुआवजा नहीं मिला, जनदर्शन में किसानों ने लगाई गुहार

कलेक्टर साहब, जमीन अधिग्रहित हो गई, मुआवजा नहीं मिला, जनदर्शन में किसानों ने लगाई गुहार

CG Prime News@दुर्ग. 105 people applied for the Durg Collector jandarshan दुर्ग जिला कलेक्ट्रेट के जनदर्शन में सोमवार को ग्राम डुन्डेरा के किसानों ने अधिग्रहित भूमि का मुआवजा राशि प्रदान कराने जनदर्शन में कलेक्टर से गुहार लगाई। वहीं जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की शिकायत लेकर भी लोग पहुंचे। जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर अभिजीत सिंह ने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी।

105 आवेदन मिले जनदर्शन में

कलेक्टर ने जनदर्शन में पहुंचे सभी लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समुचित समाधान एवं निराकरण करने संबंधित विभागों को शीघ्र कार्यवाही कर आवश्यक पहल करने को कहा। जनदर्शन में अवैध कब्जा, आवासीय पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, भूमि सीमांकन कराने, सीसी रोड निर्माण, ऋण पुस्तिका सुधार, आर्थिक सहायता राशि दिलाने सहित विभिन्न मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आज 105 आवेदन प्राप्त हुए।

मृत बेटे का नाम हटवाने की मांग की

इसी कड़ी में सुपेला भिलाई निवासी ने अपने बीपीएल राशन कार्ड से पुत्र का नाम हटाने हेतु आवेदन दिया है। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र का वर्ष 2024 को निधन हो गया है। आवेदिका ने राशन कार्ड अभिलेख में सुधार कर नाम विलोपित करने और कार्ड को पुन: संचालित करने की मांग की है। इस पर कलेक्टर ने खाद्य अधिकारी को परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।

छह किसान पहुंचे जनदर्शन में

ग्राम डुन्डेरा के छह किसानों ने अपनी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा राशि प्रदान करने आवेदन दिया। कृषकों नेे बताया कि ग्राम डुन्डेरा में उनकी निजी भूमि स्थित है, जिसके कुछ भाग पर लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले के बस स्टैण्ड उतई-डुगरडीह-डुन्डेरा-गोरिद-सोमनी मार्ग पर सड़क निर्माण हेतु भूमि को अधिग्रहित की गई थी। मुआवजा आदेश जारी होने के बावजूद आज तक किसानों को राशि प्रदान नहीं की गई है। किसानों ने बताया कि भूमि अधिग्रहित हो चुकी है, लेकिन मुआवजा न मिलने से आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इस पर कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा।

जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की शिकायत

ग्राम बेलोदी पाटन निवासियों ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि वे 10-12 पीढिय़ों से छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे हैं, लेकिन गरीबी, अशिक्षा और पुराने दस्तावेज़ों के अभाव के कारण उनके बच्चों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे। लोक सेवा केंद्र भी रिकॉर्ड की कमी के कारण फॉर्म स्वीकार नहीं कर रहे। पूर्व में ग्रामसभा रिकॉर्ड के आधार पर प्रमाण पत्र बनते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया बंद है। समुदाय ने ग्रामसभा रिकॉर्ड के आधार पर जाति प्रमाण पत्र पुन: जारी करने की मांग की है। इस पर कलेक्टर ने एसडीएम पाटन को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।

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