CG Prime News@दुर्ग. National Nutrition Month, Durg district ranks first in the entire state in malnutrition control महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह 2025 का समापन गुरुवार को लोक निर्माण विभाग के सभागार में हुआ। 17 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चले इस पोषण अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के शुभारंभ के साथ हुई थी। ग्रोथ मॉनिटरिंग डेटा के अनुसार पोषण ट्रैकर एप में दुर्ग जिला प्रदेश में सबसे कम कुपोषण वाले जिलों में पहले स्थान पर रहा। पोषण माह के दौरान जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में थीम आधारित गतिविधियां प्रतिदिन आयोजित की गईं।
राष्ट्रीय पोषण माह, कुपोषण नियंत्रण में दुर्ग की बड़ी उपलब्धि, पोषण ट्रैकर में प्रदेश में जिले को मिला पहला स्थान
महिलाओं की गोदभराई कराई
समापन अवसर पर पोषण थाली, सलाद सजावट, रेडी-टू-ईट और छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुई। जिसका निरीक्षण कलेक्टर अभिजीत सिंह ने किया। कलेक्टर सिंह ने मेधावी छात्राओं, किशोरी बालिकाओं,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पोषण माह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया। इसके साथ ही दुर्ग महापौर अलका बाघमार द्वारा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने, पांच महिलाओं को पीएमएमवीवाय का चेक, छ.ग. महिला कोष का चेक, सक्षम योजना का चेक वितरण कर पांच महिलाओं की गोदभराई व पांच बच्चों को अन्नप्राशन कराया गया।
बच्चों का वास्तविक डाटा ऐप में डालें
कलेक्टर सिंह ने समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से की गई मॉनिटरिंग में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। यह उपलब्धि आप सभी की मेहनत और लगन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कुपोषण की स्थिति में सुधार स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। पोषण ट्रैकर के माध्यम से बच्चों के वजन, लंबाई, और आंगनबाड़ी केंद्रों की उपस्थिति की जानकारी सीधे मिल रही है। कलेक्टर ने सभी से आह्वान किया कि वे डेटा में सिर्फ वास्तविक जानकारी ही दर्ज करें, ताकि बच्चों की वास्तविक स्थिति पता चल सके। खाद्य गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
भोजन में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
कलेक्टर ने कहा कि सभी सुपरवाइजऱ और सीडीपीओ जब भी केंद्र का निरीक्षण करें स्वयं भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करें। अगर केंद्रों में किसी प्रकार की संसाधन की कमी है, तो विभाग द्वारा उसकी पूर्ति की जाएगी, लेकिन खाने में गड़बड़ी जैसी शिकायतें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्र समय पर खुलें, कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं उपस्थित रहें और बच्चों के पोषण और देखभाल में कोई कमी न रहे, यही सुपोषण का सही मार्ग है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरके जाम्बुलकर, डब्लूडीसीडीपीओ अजय साहू सहित सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका बड़ी संख्या में उपस्थित थे।