मां की ही प्रतिमूर्ति हैं मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन दिवस पर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने किया सम्मान

भिलाई@CG Prime News. मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मां की ही प्रतिमूर्ति हैं। अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण और सेवा का भाव उनमें कूट-कूटकर भरी होती है। बिना किसी प्रतिफल की आशा में सबके सुख-दुख में हमेशा और सबसे आगे खड़ी रहती हैं। वे ऐसी नारी हैं जो कई रूपों एक बेटी के लिए मां, बहू के लिए सास, बहन, ननद, भाभी, चाची, मामी आदि ऐसे कितने रिश्तों में अपनी भूमिका निर्वहन करती हैं।

उक्ताशय के उदगार नगर पालिक निगम भिलाई के पूर्व सभापति राजेंद्र सिंह अरोरा ने व्यक्त किए। वे मितानिन दिवस के अवसर पर सोमवार को कैंप-2 बैंकुंठधाम में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर अरोरा ने कृतज्ञता का भाव व्यक्त करते हुए वार्ड 20, 21, 22 और 25 की मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का सम्मान किया। अरोरा ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था के तहत 23 सितंबर को प्रदेश में मितानिन दिवस मनाया जाता है। वैसे तो मितानिनों के लिए कोई दिवस विशेष की जरूरत ही नहीं है क्योंकि ये हर दिन, हर पल 24 घंटे नि:स्वार्थ भाव से सेवा करने तत्पर रहती हैं।

मितानिन स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है

उन्होंने कहा कि मितानिनों के नि:स्वार्थ कार्यों से स्वास्थ्य विभाग को काफी सहयोग मिलता है। जहां विभाग के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाते वहां मितानिनें पारा मुहल्ले में चाहे बारिश हो, धूप हो, पहुंचकर प्राथमिक उपचार देती हैं और गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने में तत्पर रहती हैं। इस मौके पर आगनबाडी परवेक्षक वी शर्मा, क्षेत्र समन्वयक पुष्पा मिश्रा एवं के एल कुमारी टोमिन साहू मितानीन प्रेरक शांता साहू, जमुना ने भी अपने विचार रखे। आयोजन में क्षेत्र की पार्षद रिंकू राजेश, अखिलेश सिंह, प्रभा सिंह, पोली का योगदान रहा।

यह काम करती हैं मितानिन

मितानिन को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की संज्ञा दी गई है। ये गांव-गांव के पारा टोला में रहकर लोगों को मलेरिया, दस्त, निमोनिया, बीमार नवजात, टीवी, कुष्ठ, पीलिया, कुपोषण, कृमि, गर्भवती, शिशुवती, ऊपरी आहार के घर परिवार भ्रमण, गर्भवती पंजीयन, प्रसव पूर्व चार जांच, संस्थागत प्रसव, महिलाओं की खास समस्याएं, गर्भावस्था में देखभाल, प्रसव के बाद माता के देखभाल करती है। साथ ही सुरक्षित गर्भपात, महिला हिंसा रोकने, पोषण व खाद्य सुरक्षा, बच्चों का विकास, महिलाओं के अधिकार, स्तन कैंसर के लक्षण की जानकारी, पारा बैठक कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना सहित अन्य कार्यों को भी निस्वार्थ भाव से करती है।

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