आतंकवादियों को ललकारने 100 बुलेट पर सवार होकर आम लोग पहुंचेंगे भारत–पाक बॉर्डर, एलओसी से पाकिस्तान को दिखाएंगे उसकी औकात, आप भी हो सकते हैं शामिल

डेस्क। Chalo LOC campaign आतंकवाद पर चोट करने के इरादे से अब आम जनता भी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आने को तैयार हैं। इसी कड़ी में केरल से कश्मीर तक चलो एलओसी की शुरुआत 1 जून से होगी। चलो एलओसी यात्रा का पहला पड़ाव आदि शंकराचार्य के जन्म स्थान कलडी होगा। केरल से कश्मीर तक पहुंचाने की इस यात्रा में 12 दिन लगेंगे। 12 जून को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास टीटवाल में शारदा मंदिर पहुंचेगी।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत

अभिनवगुप्त उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक एवं ‘चलो एलओसी’ के राइड कैप्टन आर. रामानंद ने बताया कि 100 बुलेट मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ, ‘बुलेट अगेंस्ट बुलेट्स’ के नारे के तहत विरोध यात्रा शुरू की जाएगी। जिसका उद्देश्य आतंकवाद के पीड़ितों को सम्मानित करना और न्याय और शांति का आह्वान करना है।

आतंकवाद का यह जघन्य कृत्य मानवता पर एक धब्बा है, जो उन अपराधियों के खिलाफ रोष को बढ़ाता है, जिन्होंने असहाय आगंतुकों को निशाना बनाया। जो घृणा को दर्शाता है। आतंकवाद के इस कायराना कृत्य के खिलाफ केरल में आक्रोशित नागरिकों के समूह ने ‘चलो एलओसी’ संगठन का गठन किया है।

100 बुलेट पर होंगे रवाना

सौ की संख्या में रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ वे आदि शंकराचार्य के पवित्र जन्मस्थान कलडी से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टीटवाल में शारदा यात्रा क्षेत्र तक विरोध यात्रा निकालेंगे। 12 दिनों में लगभग 3,600 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह न केवल भारत के विविध परिदृश्यों से होकर गुज़रने वाली यात्रा है, बल्कि केरल से लेकर शारदा के पवित्र वातावरण तक आदि शंकराचार्य की आध्यात्मिक विरासत को दर्शाने वाली एक गहन भक्तिपूर्ण यात्रा है।

Related posts

Breaking: भिलाई के खुर्सीपार में युवक की हत्या, बहन के प्रेमी को भाई ने पीट-पीटकर मार डाला

CG भारतमाला मुआवजा घोटाला, 3 पटवारी गिरफ्तार, किया करोड़ों का हेरफेर

दो फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बनी मुर्मू, 40 मिनट तक हवा में रही राफेल