स्पर्श अस्पताल में असिस्टेंट लोको पायलट की मौत, CMHO ने तीन डॉक्टरों को सौंपा जांच का जिम्मा

Bhilai: स्पर्श अस्पताल में असिस्टेंट लोको पायलट की मौत, CMHO डॉ. दानी ने तीन डॉक्टरों को सौंपा जांच का जिम्मा

CG Prime News@भिलाई. भिलाई के स्पर्श मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल (sparsh hospital bhilai) में रेलवे के एक असिस्टेंट लोको पायलट (railway assistant loco pilot) की मौत का मुद्दा गरमाता जा रहा है। मृतक के पिता ने दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी (Durg collector) से इस पूरे मामले की शिकायत की थी। वहीं कलेक्टर ने जांच का जिम्मा भिलाई निगम आयुक्त को सौंपा है। इधर सीएमएचओ (CMHO) डॉ. मनोज दानी ने भी इस पूरे मामले में तीन डॉक्टरों की जांच टीम बनाई है। डॉ. दानी ने CG Prime News को बताया कि डॉ. संजय बालबांद्रे, डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव और वे स्वयं इस टीम का हिस्सा है। टीम जल्द ही जांच करने स्पर्श अस्पताल जाएगी और शिकायत के आधार पर हर पहलू की जांच करेगी। जिसकी विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह है पूरा मामला

साकेत नगर, कोहका, भिलाई निवासी मृतक के पिता विनोद कुमार त्रिपाठी ने दुर्ग कलेक्टर से 6 दिसंबर को लिखित शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया है कि उनका बेटा आदर्श त्रिपाठी रेलवे के भिलाई मार्शिलिंग यार्ड चरोदा में सहायक लोको पायलट के पद पर कार्यरत था। 14 नवंबर 24 को सुबह 8.15 बजे दशहरा मैदान, शांतिनगर, भिलाई में क्रिकेट खेलते समय दिल का दौरा पड़ा। खबर मिलने पर घर के सभी लोग व उसके साथी खिलाड़ी उसे कार से स्पर्श मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल इलाज के लिए लेकर पहुंचे।

यह भी पढ़ेः Sparsh hospital bhilai में डॉक्टरों की लापरवाही, लोको पायलट की मौत

वार्ड बॉय और वार्ड गल्र्स ने किया इलाज

शिकायकर्ता विनोद कुमार ने बताया कि उस वक्त करीब 8.45 बजे कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था। पूछने पर पता चला कि डॉक्टर 10 बजे आएंगे। वहां उपस्थित वार्ड बॉय और वार्ड गल्र्स ने केजुअलटी में रखकर उनके बेटे का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों की अनुपस्थिति में वार्ड बॉय द्वारा ऑक्सीजन मास्क निकालकर सीटी स्कैन करने के दौरान मरीज को पुन: अटैक आया। इससे उनके और अन्य लोगों के सामने ही मरीज की मौत हो गई।

बाद में आए डॉक्टर

शिकायतकर्ता ने शिकायत में लिखा है कि डॉक्टर के अस्पताल में आने के पहले ही परिजनों से सभी दस्तावेज पर दस्तखत करा लिए गए थे। सुबह 10.30 बजे डॉ. संजय गोयल और डॉ. लिजोडेनियल आए। मरीज को आईसीयू में लेकर गए। थोड़ी देर बाद परिवार के लोगों को बुलाकर यह बताया गया कि मरीज का हार्ट ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसके लिए प्रयास चल रहा है, परन्तु उमीद कम है। कुछ देर बाद बताया गया कि मरीज की मौत हो गई है।

निगम आयुक्त को दिए जांच के निर्देश

शिकायतकर्ता को कलेक्टर कार्यालय से बताया गया है कि उक्त मामले में जांच करने नगर निगम, भिलाई के आयुक्त को अधिकृत किया गया है। जांच कर वे प्रतिवेदन पेश करेंगे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

सीसीटीवी कैमरे से पता चलेगा डॉ. कब पहुंचे अस्पताल

कलेक्टर से मांग की गई है कि इस मामले में जांच कर अस्पताल प्रशासन और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिसकी लापरवाही के कारण एक मरीज की जान चली गई। पूरे मामले में सीसीटीवी कैमरे से स्पष्ट हो जाएगा कि चिकित्सक अस्पताल कब पहुंचे।

कार्रवाई की मांग की

कलेक्टर को लिखित शिकायत में बताया कि अस्पताल की अव्यवस्था और डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण ही मरीज की मृत्यु हुई है। मरीज सुबह पौने नौ बजे से सवा दस बजे तक करीब डेढ़ घंटे तक जीवित रहा। उसका इलाज वार्ड बाय और वार्ड गल्र्स ने केसुअलटी में रखकर किया। लापरवाही की वजह से मरीज की जान चली गई। शिकायतकर्ता विनोद कुमार त्रिपाठी का कहना है कि जब अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे, तब तुरंत दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर देना था। इससे समय रहते उनकी जान बचाई जा सकती थी। साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु के समय को लेकर भी संदेह जताया गया है।


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