CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम एम्स में उपचार के दौरान निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार बुधवार सुबह रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्ल के पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए। ज्ञानपीठ पुरस्कार (gyanpith puraskar 2025) से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।
नहीं रहे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, CM ने दिया कांधा
पीएम मोदी ने जताया दु:ख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दु:ख जताया। उन्होंने कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दु:खद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंचते ही विनोद कुमार शुक्ल से फोन पर बातचीत की थी। उनका हालचाल जाना था।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
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सीएम साय परिजनों से मिले
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के शैलेन्द्र नगर स्थित वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित स्वर्गीय विनोद कुमार शुक्ल के निवास पहुंचे और उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। असंख्य पाठकों और साहित्य-प्रेमियों को इस अपार दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन से हिंदी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुँची है। उनकी रचनाएँ संवेदनशीलता, मानवीय सरोकारों और सरल किंतु गहन अभिव्यक्ति की अनुपम मिसाल हैं। शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की। उनका साहित्य न केवल पाठकों को गहराई से स्पर्श करता है, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत बना रहेगा। साहित्य जगत में उनका अवदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
इस अवसर पर कवि डॉ. कुमार विश्वास, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी अलोक सिंह, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।