छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : ED ने बताया काली कमाई को व्हाइट करता था चैतन्य 

हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की प्रक्रिया को बताया गलत, ED को जारी किया नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब

CG Prime News@रायपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ED) रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। ED ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है। चैतन्य बघेल को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से ED को 5 दिन की कस्टडी मिली है।

ED की जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शराब घोटाले से राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) आरोपितों के पास पहुंचाई गई।

ED के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट कारोबार में किया। उसने नकद में भुगतान कर प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों को रकम दी और बैंक में फर्जी एंट्रियां कर रकम का हेरफेर किया। इसके अलावा, उसने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर स्कीम तैयार की, जिसके तहत 5 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीद फर्जीवाड़ा कर पैसा ट्रांसफर किया गया। बैंकिंग रिकॉर्ड से यह भी सामने आया है कि ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान मिला।

इतना ही नहीं, चैतन्य बघेल पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध राशि को आगे अन्य निवेश के लिए ट्रांसफर कराने का भी आरोप है। उसने यह राशि अनवर ढेबर सहित अन्य के जरिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पहुंचाई।

ED की जांच में यह भी सामने आया है कि बघेल परिवार के करीबी लोगों को इस घोटाले से मिली रकम आगे निवेश के लिए सौंपी गई। इससे पहले, इस मामले में अनिल टुटेजा (Ex-IAS), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (ITS), और कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री) की गिरफ्तारी हो चुकी है। ED की जांच अब भी जारी है।

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