छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला केस: निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, इधर नई FIR भी दर्ज

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला केस: निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, इधर नई FIR भी दर्ज

@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की जमानत 7 अगस्त तक के लिए मंजूर की है। मिली जानकारी के अनुसार निलंबित IAS रानू साहू एक साल और दीपेश करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। ईडी ने दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला केस में गिरफ्तार किया था।

नई FIR भी दर्ज
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी निलंबित आईएएस रानू साहू की मुश्किल कम नहीं हुई है। EOW ने रानू साहू सहित जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, पूर्व सीएम की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है। तीनों पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सिंडिकेट बनाकर हुई 570 करोड़ की वसूली

छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ED की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।

इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था। उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।

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