छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती, BEd डिग्रीधारियों की नौकरी हुई निरस्त, एक फैसले से पलटी किस्मत, सदमे में हजारों युवक

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती, BEd डिग्रीधारियों की नौकरी हुई निरस्त, एक फैसले से पलटी किस्मत, सदमे में हजारों युवक

@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में B.Ed डिग्री-धारी टीचर भर्ती उम्मीदवारों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती (cg sahayak shikshak bharti 2023) प्रक्रिया में B.Ed उम्मीदवारों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। साथ ही राज्य सरकार को 6 सप्ताह में पुनरीक्षित (रिवाइज्ड) चयन सूची जारी कर DLEd पास उम्मीदवारों को मौका देने का आदेश दिया है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लिए केवल DLEd पास उम्मीदवार ही मान्य होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि BEd पास असिस्टेंट टीचर जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी है, उनकी नियुक्ति राज्य सरकार निरस्त करे। साथ ही 6 सप्ताह के भीतर DLEd पास उम्मीदवारों की ही नियुक्ति करे। इसके लिए पुनरीक्षित चयन सूची बनाने के लिए कहा है।

BEd और DLEd प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे

इस आदेश के बाद अब असिस्टेंट टीचर की भर्ती में BEd पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म हो गई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई है। इस केस में बेंच ने 29 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। इस पर अब सोमवार को फैसला आया है। DLEd प्रशिक्षित अभ्यर्थी विकास सिंह, युवराज सिंह सहित अन्य ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की। इसमें बताया था कि 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों के तकरीबन 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें BEd और DLEd प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए कहा था

याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षक की अनिवार्य योग्यता से BEd को अवैधानिक घोषित कर इसे हटाने की मांग की। साथ ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए कहा था। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने BEd अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही राज्य शासन से जवाब मांगा था।

इस फैसले को बनाया आधार

याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन ने उल्लंघन किया है। राज्य शासन ने अपने ही बनाए मापदंड का भर्ती प्रक्रिया में पालन नहीं किया। प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए DLEd पाठ्यक्रम में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

Related posts

CG भारतमाला मुआवजा घोटाला, 3 पटवारी गिरफ्तार, किया करोड़ों का हेरफेर

दो फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बनी मुर्मू, 40 मिनट तक हवा में रही राफेल

Big News: अहिवारा नगर पालिका CMO पर लगा 50% कमीशन मांगने का आरोप, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश