Big News: दुर्ग जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, पैदा होते ही बदल गए दो नवजात, हिंदू बच्चा पहुंचा मुस्लिम परिवार में

Big News: दुर्ग जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, पैदा होते ही बदल गए दो नवजात, हिंदू बच्चा पहुंचा मुस्लिम परिवार में

CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल (Durg District hospital) में एक अजीबो-गरीब और अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां दो नवजात शिशु जन्म लेते ही आपस में बदल दिए गए। हिंदू शिशु मुस्लिम परिवार के पास पहुंच गया। वहीं मुस्लिम शिशु हिंदू परिवार के पास पहुंच गया। जन्म के आठ दिन बाद जब दोनों परिवार अपने घर पहुंचे तब जाकर उन्हें शिशुओं के अदला-बदली की जानकारी मिली। जिसके बाद दोनों परिवारों में तहलका मच गया। वहीं अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी लापरवाही का भंडा फूट गया।

बच्चा बदलने से कर दिया मना
दुर्ग जिला अस्पताल में 23 जनवरी को दो नजवात शिशु पैदा हुए थे। दोनों ही नवजात लड़के हैं। परिवार को इस अदला-बदली की जानकारी 8 दिन बाद तब पता चली डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने ऑपरेशन के बाद खींची गई तस्वीरें देखीं। इसके बाद परिजनों के होश उड़ गए। एक परिवार ने दूसरे परिवार से संपर्क किया और यह बात बताई। दूसरे परिवार ने बच्चा बदलने से यह कहते हुए मना कर दिया कि अब 8 दिनों में बच्चे से लगाव हो गया है।

मामला संज्ञान में है

शिशुओं के अदला-बदली के मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत कुमार साहू ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। फिलहाल इस मामले की जांच की जाएगी। वहीं जो कार्रवाई होगी वो पुलिस करेगी। फिलहाल, इस मामले में शबाना कुरैशी का परिवार अस्पताल की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

यह है पूरा मामला

3 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) और साधना सिंह ने दोपहर क्रमश: 1:25 बजे और 1:32 बजे अपने-अपने बेटों को जन्म दिया। अस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है। जिससे किसी तरह की अदला-बदली न हो। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद अपनी-अपनी माताओं के साथ तस्वीरें भी खींची गईं। हालांकि, बाद में गंभीर लापरवाही सामने आई। जब साधना सिंह लिखा हुआ बच्चा शबाना कुरैशी के पास चला गया और शबाना कुरैशी लिखा हुआ बच्चा साधना सिंह के पास। इस गलती का खुलासा 8 दिनों के बाद तब हुआ जब शबाना कुरैशी के परिवार ने ऑपरेशन के तुरंत बाद ली गई तस्वीरों को देखा। तब परिवार ने ध्यान दिया कि उनके असली बच्चे के चेहरे पर तिल (काला निशान) नहीं था। जो बच्चा इस समय उनके पास है ,उसके चेहरे पर तिल है।

दोनों परिवारों को बुलाया अस्पताल

यह जानकारी मिलते ही शबाना कुरैशी के परिवार में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत जिला अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिससे अस्पताल में भी अफरा-तफरी मच गई है। अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साधना सिंह और उनके परिवार को अस्पताल बुलाया। दोनों परिवारों और डॉक्टरों के बीच चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा दोनों परिवार भुगत रहे हैं।

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