धान खरीदी शुरू होते ही साइबर ठग हुए सक्रिय, पुलिस ने दी जरूरी चेतावनी

जशपुर पुलिस ने किसानों को साइबर ठगी से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बताईं।

जशपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही किसानों के खातों में समर्थन मूल्य की राशि आने लगी है। इसी अवधि को साइबर अपराधी सबसे अधिक टारगेट मानते हैं और भोले-भाले किसानों को झांसे में लेकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसी को देखते हुए जशपुर पुलिस ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण साइबर जागरूकता संदेश जारी किया है, जिसमें बैंकिंग जानकारी को गोपनीय रखने, संदिग्ध कॉल और लिंक से बचने तथा किसी भी प्रकार की ठगी की स्थिति में तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करने की अपील की गई है। साइबर अपराधी पहले किसानों का विश्वास जीतते हैं और फिर धीरे-धीरे संवेदनशील जानकारी हासिल करते हैं। जशपुर पुलिस के अनुसार ठगी के प्रमुख तरीके निम्न हैं (Cyber ​​fraudsters become active as soon as paddy procurement begins, police issues important warning)

फर्जी फोन कॉल

ठग बैंक अधिकारी, सहकारी समिति कर्मचारी, खाद्य विभाग या राशन विभाग के नाम पर कॉल करते हैं और कहते हैं— “आपका भुगतान प्रोसेस नहीं हुआ”, “आपका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है”, “पंजीयन अपडेट करना है” आदि। इस बहाने वे OTP, PIN या बैंक विवरण मांग लेते हैं।

फर्जी लिंक भेजना

WhatsApp, SMS या Telegram पर लिंक भेजकर कहा जाता है कि “इस लिंक पर क्लिक न करने पर भुगतान रुक जाएगा”। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल में फ्रॉड ऐप या वायरस इंस्टॉल हो जाता है। OTP–PIN की मांग खाते की पुष्टि के नाम पर OTP/UPI PIN मांगा जाता है, और जानकारी मिलते ही खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल करवाना किसानों को AnyDesk, TeamViewer जैसे ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है, जिससे पूरा मोबाइल ठगों के नियंत्रण में चला जाता है।

किस बात को कभी साझा न करें

जशपुर पुलिस ने विशेष रूप से चेताया है कि किसान किसी भी स्थिति में ये जानकारी साझा न करें:
OTP, ATM/Debit Card नंबर, CVV, UPI PIN, आधार OTP, बैंक ऐप पासवर्ड, बैंक खाता विवरण, कोई भी संदिग्ध लिंक।
बैंक या सरकारी विभाग कभी इन जानकारियों की मांग नहीं करते।

सुरक्षित रहने के उपाय

सिर्फ आधिकारिक बैंक या समिति कार्यालय में ही जानकारी सत्यापित करें।

मोबाइल में UPI लिमिट कम रखें और बायोमेट्रिक लॉक सक्रिय रखें।

अनजान नंबरों की कॉल–मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें।

प्रोफाइल फोटो और ई-केवाईसी दस्तावेज अनजाने लोगों को न भेजें।

ठगी होने पर क्या करें?

यदि ठगी हो गई है या किसी कॉल पर संदेह है—
📞 राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन: 1930
🌐 ऑनलाइन शिकायत: cybercrime.gov.in
🚔 निकटतम थाना या साइबर सेल को तुरंत सूचना दें।

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